बता दें कि आज बंगला नववर्ष के मौके पर बंगाली एसोसिएशन के द्वारा रेलवे परीक्षेत्र स्थित कालीबाड़ी परिसर में बगुला नव वर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर बंगाली एसोसिएशन के लोगों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी कुछ मांगे भी रखी है। मुख्यमंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया है कि जो भी मांग बंगाली समाज के द्वारा की गई है, उस पर गौर किया जाएगा और उन्हें पूरा करने की कोशिश भी की जाएगी।
आज बिलासपुर में भी बंगाली एसोसिएशन के द्वारा बंगला नववर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विशेष अतिथि के रूप में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत शामिल हुए। कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि यह बंगाली एसोसिएशन का 100 वा शताब्दी वर्ष है। जिसके कारण एसोसिएशन इसे पूरे साल भर विभिन्न कार्यक्रम को आयोजित कर मनायगा। साथ ही साथ इस साल बंगाली एसोसिएशन को दुर्गा पूजा का आयोजन करते हुए भी 100 साल पूरे हो जाएंगे। लिहाजा इस बार बंगाली एसोसिएशन पूरे साल भर कार्यक्रम को आयोजन करेगा और इसमें सदस्यों को भी जोड़ेगा।
बता इसे हम पोइला बोइसाख, पोहेला बैसाख के नाम से भी जानते हैं। ये पर्व पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, झारखंड और असम में बंगाली समुदायों द्वारा मनाया जाता है। ये त्योहार बंगाली नव वर्ष का प्रतीक माना जाता है। इस समाज के लोगों में इस पर्व का काफी महत्व है। इस दिन को नए उद्यम शुरू करने, नई खरीदारी करने और मिल-जुलकर नए काम आयोजित करने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। साथ ही साथ आज के दिन लोग पारंपरिक पोशाक पहनते हैं। खास पकवान तैयार करते हैं और प्रार्थना करने के लिए मंदिरों में जाते हैं। इसके अलावा अलग-अलग जुलूस और मेले भी आयोजित किए जाते हैं। जहां लोग संगीत और नृत्य का आनंद लेते हैं।