छत्तीसगढ़ पुलिस के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल गजराला सत्यनारायण रेड्डी उर्फ गोपन्ना की केन्द्रीय जेल जगदलपुर से रिहाई मिल गई है। बता दें कि गजराला के उपर 18 से ज्यादा मामले दर्ज थे। लेकिन पुलिस अदालत में एक भी मामले को सिद्ध नही कर पायी है। रिहाई के बाद गजराला अपने घर तेलंगाना लौट गया है। साल 2006 में पकड़े गए गजराला के उपर छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर जोनल कमेटी का सचिव तथा केंद्रीय कमेटी का सदस्य होने की भी बात कही गई है।
गजराला को साल 2006 में रायपुर के नजदीक गरियाबंद जिले से पकड़ा गया था। उस वक्त पुलिस ने उसे तस्कर समझा था। लेकिन जांच पड़ताल के बाद पता चला कि गजराला का लिंक छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर जोनल कमेटी से है। इतना ही नही बल्कि उसे इस कमेटी का सचिव और केंद्रीय कमेटी का सदस्य बताया गया था। इसके बाद भी पुलिस एक भी अपराध को साबित नही कर पाई।
तेलंगाना के नलगोंडा जिले का रहने वाला अपने पढ़ाई के दौरान राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हो गया था। जिसके बाद वो अपने परिवार से दूर छत्तीसगढ़ में गुमनाम जिंदगी जिने लगा था। पुलिस द्वारा सबसे पहला केस नक्सल संगठन में होने को लेकर जगरगुंडा इलाके में दर्ज किया गया था। जिसके बाद इसके उपर 18 से अधिक मामले दंतेवाड़ा, बीजापुर वर्तमान में सुकमा जिले में दर्ज किए गए। 2006 में दर्ज किए गए मामले में उसे माओवादी लीडर बताया गया था।