India News ( इंडिया न्यूज ), Chhattisgarh: बेमौसम बारिश ने छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में किसानों की चिंता बढ़ा दी है, पिछले 2 दिनों से हवा के चक्रवाती प्रभाव के कारण पूरे जिले में बादल छाए हुए हैं, वहीं किसानें की साल भर की महनत अभी उनके खेतों में ही सहेजकर रखी फसल के बारिश से भीगकर खराब होने का खतरा बढ़ गया है, बारिश के कारण किसानों को फसल की कटाई मिंजाई से लेकर धान को सहेजकर रखने में परेशानी होगी, वहीं दूसरी ओर सब्जियों की फसल पर भी कीट का खतरा बढ़ जाएगा।
खुले में धान रखने को मजबूर हैं किसान
हार्वेस्टर और थ्रेसर जैसी मशीनों का उपयोग कर कई किसानों ने धान की कटाई और मिंजाई करा ली है, इनमें से कई किसान धान को बिक्री के लिए खरीदी केंद्रों में नहीं पहुंचा पाए हैं या अभी तक उनका नम्बर नहीं आया है, ऐसे में उन्हें खेत-खलिहानों या खुली जगहों पर धान का भंडारण करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, उसे बारिश से बचाने के लिए किसानों को मशक्कत करनी पड़ रही है।
80 फीसदी फसल कट चुकी है
किसानों ने करीब 80 फीसदी फसल काट लि है, लेकिन उनमें से कई किसानों ने किसी कारणवश धान को खलिहान तक नहीं पहुंचा पाए हैं, कई किसानों ने थ्रेसर से मिंजाई के लिए खेतों में भी धान का भण्डारण कर रखा है, बारिश होने की वजह से उनकी बालियों के सड़ने व अंकुरण का खतरा रहेगा, तत्कालिक तौर पर जमीन गीली होने से धान को उठाना और मिंजाई भी संभव नहीं होगा।
पिछड़ जाएगी कटाई और मिंजाई भी
20 फीसदी की कटाई जिले में अभी भी बाकी है, बारिश होने पर खेतों में पानी भर जाने और जमीन गीली होने से धान की तात्कालिक कटाई संभव नहीं होगी, इससे कटाई का काम पिछड़ जाएगा, वहीं किसी तरह कटाई भी कर लिया गया तो जमीन गीली होने की वजह से खलिहानों में मिंजाई संभव नहीं होगी, ऐसे में कटाई और मिंजाई दोनों का काम पिछड़ जाएगा।
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