Chhattisgarh Political Clash: छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेताओं पर नक्सलियों के अटैक पर सियासत तेज हो गई है। जिसके चलते बीजेपी जिला उपाध्यक्ष की हत्या पर लोकसभा में भी मामला उठा है। बीजेपी सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने ये मामला लोकसभा में उठाया और केंद्र सरकार से लोगों की सुरक्षा की मांग की है। जिसके बाद इस बीजेपी नेताओं की टारगेट किलिंग पर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गई।
दरअसल सोमवार को लोकसभा में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने राजनीतिक षडयंत्र का आरोप लगाया था। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार पर संवेदनशील इलाकों में नेताओं के सुरक्षा घटाने का भी आरोप लगाया था।
अरुण साव ने लोकसभा में कहा कि लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में, मैं बड़े दुख के साथ कह रहा हूं कि पिछले एक माह में भारतीय जनता पार्टी के चार प्रमुख पदाधिकारियों की निर्मम हत्या हुई है। बुधराम करटाम, नीलकंठ कक्केम, सागर साहू, रामधन अलामी इन चार प्रमुख पदाधिकारियों की एक माह में टारगेट किलिंग हुई है। यह बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र है। राज्य की कांग्रेस सरकार लोगों को सुरक्षा देने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों से सुरक्षा वापस ली गई है।
बीजेपी के आरोप पर कांग्रेस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस का कहना है कि प्रमुख विपक्षी दल का प्रदेश अध्यक्ष होकर अरुण साव सतही और बेबुनियाद बातें कर रहे हैं। हत्या किसी भी व्यक्ति की हो वह निंदनीय है। कांग्रेस की सरकार हर नागरिक की सुरक्षा को प्रतिबद्ध है. नक्सल हिंसा में हुई हत्या के आधार पर बीजेपी अध्यक्ष राजनीतिक रोटी सेंकना चाह रहे हैं. नक्सल हिंसा पर राजनीति बीजेपी का निम्नस्तरीय प्रयास