IndiaNews (इंडिया न्यूज़) Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में बेहिसाब कच्ची शराब बेचने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। जहां इसी कड़ी में ईडी ने यानी की प्रवर्तन निदेशालय ने ढेबर और त्रिपाठी पर बड़े आरोप लगाए है। ईडी ने आरोप लगाए हैं कि ढेबर और त्रिपाठी की मिलीभगत से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग ने राज्य संचालित दुकानों से बेहिसाब कच्ची शराब खरीदी है। गैर तरिके शराब सिंडिकेट ने दो हजार करोड़ रुपये कमाए है। इसका कमीशन ढेबर और त्रिपाठी को मिला। जिसके चलते ही सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब अनियमितता मामले में सोमवार को ईडी को दो हफ्ते के भीतर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट पेश करना का आदेश दिया है। इसी समय के अंतराल में एफआइआर की प्रति भी पेश करनी होगी। इसी के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकायत दर्ज की है।
यह निर्देश न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने पारित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को अलगी सुनवाई के लिए बुलाया है। मामले में आइएएस अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश टुटेजा के अधिवक्ता मनीष भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
दरअसल साल 2019 से लेकर 2022 के बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी ने होटल कारोबारी अनवर ढेबर के साथ मिलकर बड़ा शराब घोटाला किया था। इसी मामले में ईडी ने जांच की।
दोनों ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश करके नीतिगत तरिकें से बदलाव किए। जिससे अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर मिला ।
ईडी ने इस मामले में रायपुर, भिलाई और मुंबई में तलाशी अभियान चला रखें है। जिसमे ईडी को करोड़ों की संपत्ति बरामद हुई है। बता दे कि अनवर ढेबर की नवा रायपुर में 53 एकड़ जमीन का सुराग मिला था। 21.60 करोड़ की कीमत वाली इस संपत्ति को शराब लाइसेंसधारी ने कब्जा कर रखा था। वहीं ईडी ने इससे पहले एक देशी शराब डिस्टिलर के घर से 28 करोड़ रुपये के आभूषण बरामद किए थे।
Also Read: US News: व्हाइट हाउस के गेट से टकराई कार, ड्राइवर गिरफ्तार