India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh Election 2023, रायपुर: छत्तीसगढ़ के चुनावी रण में प्रदेश के दोनों शक्तिशाली दल उतर चुके है। जिसके चलते चुनावों से पहले कांग्रेस और भाजपा समीकरण साधने की जद्दोजहद में है। भाजपा विधानसभा चुनाव में हारी सीट का समीकरण साधने के लिए जहां पीएम मोदी की रायगढ़ में सभा कर रही है। तो कांग्रेस जांजगीर-चांपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की चुनावी सभा कराने वाली है।
बिलासपुर संभाग की बात करे तो यहां पर बीजेपी की हालात काफी खराब नजर आ रही है। दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 24 में से 11 सीट ही मिल पाई थी। जिसके चलते कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा था। कांग्रेस की इतनी बड़ी हार किसी और संभाग में नहीं हुई। बता दें कि खरगे पहले 11 अगस्त को मिनीमाता की पुण्यतिथि पर सभा करने वाले थे। लेकिन संसद के गतिरोध के चलते उनका दौरा स्थगित हो गया। अब उनका दौरा 13 अगस्त को होगा।
पीएम मोदी की रायगढ़ में सभा 17 अगस्त को होनी है । राजनीति की समझ रखने वालों की मानें तो यह क्षेत्र पहले कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। 1980 के दशक में जांजगीर से जब बसपा प्रमुख कांशीराम ने चुनाव लड़ा, उसके बाद से धीरे-धीरे कांग्रेस कमजोर होती चली गई।
रायगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी की सभा की जिम्मेदारी महासचिव ओपी को सौंपी गई है। दरअसल, रायगढ़ की 19 संसदीय सीटों सरगुज और द्झाशपुर के आसपास एक भी बीजेपी-विधायक नहीं है। जबकि रायगढ़ और सरगुजा की सीटों पर भाजपा के लोकसभा विधायकों का कब्जा है। सरगुजा से निपटने के लिए बीजेपी ने आदिवासी नेता रेनूकु सिंह को मोदी सरकार में मंत्री बनाया है. अब इन स्थानों को पुनः प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे पर बोलते हुए छत्तीसगढ़ परिषद अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि वे चाहे कितने भी दौरे कर लें, संसद पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पिछले पांच वर्षों में हमारी सरकार ने पूरे छत्तीसगढ़ राज्य और सभी समुदायों का विकास किया है। हमें अपने काम पर भरोसा है, हमें अपने नेतृत्व पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि मोदी को सभी राज्यों को अपना देश मानना चाहिए, चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो। चुनाव जितना करीब आता है, प्रधानमंत्री उतनी ही बार यहां आते हैं। यहां के लोग केंद्र सरकार के भेदभाव को समझते हैं।