इंडिया न्यूज़, Chhattisagrh : छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने विभिन त्योहारों के मध्यनजर रखते हुए प्रशासन के लिए कड़े निर्देश जारी किये है। इसके मुख्यमंत्री ने प्रतेक जिले और शहर को में साफ सफाई के विशेष निर्दश दिए है। त्यौहारों के समय इस्तेमाल की जाने वाली मूर्तियों को नदियों और तलाबो में विसर्जित करने के ऊपर कड़े निर्देश दिए है। जिसके प्रति क़ानूनी कार्यवही की जाएगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस माह में शुरू होने वाले त्यौहारों को देखते हुए एक बैठक के दौरान अनेको योजनाओ के साथ त्यौहारों में उपयोग होने वाली मूर्तियों और अन्य समाग्री को नदियों और तलाबो में डालने के प्रति रोक लगाई है। ऐसा करने से नदियों और तलाबो का पानी दूषित होने का खतरा है। उन्होंने इस काम के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा समस्त कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को पत्र लिखकर कड़े निर्देश जारी किये है।
इस पत्र में उन्होंने निर्देश दिए है कि इस माह में शुरू होने वाले विभिन्न त्योहारों के लिए प्रशासन क्षेत्र के हर हिस्से में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे। जिसमे तीज, गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा, पितृमोक्ष- अमावस्या एवं अन्य त्योहारों के लिए सार्वजनिक आयोजनों हेतु तालाबों घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, फीलिंग, शुद्ध पेयजल की सुविधा की जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा की गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा, पितृ मोक्ष के अवसर पर किसी भी क्षेत्र में उनकी मूर्तियों को तालाब नदियों में विसर्जन पर रोक लगाई गई है। जिसके लिए सभी क्षेत्रों के नगर पालिका और पुलिस थानों में निर्देश जारी किये गए है। उन्होंने कहा कि त्योहारों पर ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने हेतु जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को निर्देश जारी किये गए हुई। यदि ऐसा करता दिखा तो उसके ऊपर विशेष कार्यवाही होगी। गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा, के लिए बनने वाली प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा अन्य प्रतिबंधित सामग्री से बनी मूर्तियों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गए है।
गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा, इनके अवसर पर शहर में निकलने वाली यात्रा के लिए पहले प्रशासन को सूचना देनी होगी। इसके लिए पुलिस और अन्य फ़ोर्स को यातायत में किसी भी प्रकार की समस्य न हो इसके लिए सैनिक तैनात किये जायेगे। मुख्यमंत्री ने कहा है की सभी अपने अपने त्यौहारों को ख़ुशी के साथ मनाओ परंतु मर्यादा में पर्यावरण और नदियों को किसी भी प्रकार से नुकसान न हो।