India News (इंडिया न्यूज़), Cg News , रायपुर:छत्तीसगढ़ कोयला लेवी मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आईएएस अधिकारी रानू साहू को इस मामले में कल यानी मंगलवार को विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया था। जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब रानू साहू जमानत मिलने तक जेल में ही रहेंगी।
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने रानू साहू को 2022 छत्तीसगढ़ कोयला लेवी मामले में शनिवार 22 जुलाई को गिरफ्तार किया था और तीन दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद कल उन्हें पीएमएलए अदालत में पेश किया गया था।
कल ईडी अधिकारियों ने अदालत से 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी। ईडी ने दलील दी कि अगर वह जमानत पर बाहर आती है तो गवाहों को प्रभावित कर सकती है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है। ईडी अधिकारियों ने कहा कि साहू ने कथित अपराध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रानू साहू के वकील फैज़ल रिज़वी ने कहा, “अदालत ने उन्हें 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।”
रिज़वी ने कहा कि “इससे पहले, उन्हें अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक पांच से छह बार बुलाया गया था और उन्होंने ईडी के साथ सहयोग किया है। जनवरी 2023 के बाद उन्हें कभी भी ईडी ने तलब नहीं किया। उसे गिरफ़्तार करने की कोई ज़रूरत नहीं थी। मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है,”
ईडी ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि न केवल साहू बल्कि पूरी राज्य मशीनरी ने कथित तौर पर 540 करोड़ रुपये की कोयला लेवी जबरन वसूली की साजिश को अंजाम देने में सहायता की।
ईडी ने सिंडिकेट के सरगना सूर्यकांत तिवारी की “सहायता” करने के लिए तीन सरकारी अधिकारियों – आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया और साहू को नामित किया है। ईडी ने कहा कि जबरन वसूली के पैसे का इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों को भुगतान करने और चुनाव खर्च के लिए रिश्वत के रूप में किया गया था।
ईडी ने साहू की 5.52 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी तौर पर जब्त कर लिया है। साहू पर कोयला लेवी मामले में अन्य आरोपियों से रिश्वत लेने का आरोप है। ईडी ने आरोप लगाया कि जब साहू से उनके खिलाफ दस्तावेजी सबूत मांगे गए तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
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