इंडिया न्यूज़, कोलंबो :
Cabinet in Sri Lanka Gave Mass Resignation रूस यूक्रेन युद्ध का असर ( effect of the Russia-Ukraine war)अब दुनिया के छोटे देशों पर दिखने लगा है। एक तरफ जहां दक्षिण अफ्रीका में महंगाई से त्राहीमाम मची है। वहीं दूसरी और पड़ौसी देश सोने की लंका कही जाने वाले श्रीलंका में आर्थिक संकट इस कदर गहरा गया (The economic crisis deepens in Sri Lanka)है। लेकिन श्रीलंका की बर्बादी का कारण विस्तारवादी चीन है। श्रीलंका में हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। इस बीच महंगाई को काबू न कर पाने से परेशान होकर पूरे मंत्री मंडल ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। हालांकि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है।
महंगाई की मार से त्रस्त श्रीलंका वासी अब सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे हैं। लोगों के पास खाने के लिए अनाज नहीं है, पेट्रोल डीजल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। काम धंधे चौपट हो गए हैं। जनता के विरोध को दबाने के लिए सरकार ने सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। लोग अब फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर का इस्तेमाल भी नहीं कर पा रहे हैं। जनता भी सरकार की विफलता और महंगाई के खिलाफ अब सड़कों पर उतर आई है।
विस्तारवादी चीन की हकीकत पूरी दुनिया जानती है। पाकिस्तान को कर्जदार करने के बाद अब उसका अगला निशाना श्रीलंका था। जहां उसने भारी भरकम कर्ज देकर उसकी अर्थव्यवस्था को धराशाई कर दिया है। हालांकि चीन की चाल साफ है कि वह भारत को घेरने के लिए एक तरफ पाकिस्तान में सीपैक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। वहीं गवादर पोर्ट से भारत को घेरने की योजना बना रहा है। दूसरी ओर श्रीलंका में भी शी जिनपिंग आर्मी अपना ठिकाना बना रही है।
Read More: Second Attack on Nawaz Sharif in Two Days पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर फिर से हमला