बता दें कि बीते दिन छत्तीसगढ के बेमतरा दो समुदायों के बीच किसी बात को लेकर आपसी झड़प हो गई थी। जिसमें एक युवक की जान चली गई थी। जिसके बाद ये मामला तुल पकड़ लिया है। अब इस मामले को लेकर कार्यालय कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी का एक नया फैसला सामने आया है।
दो समुदायों के बीच हुए विवाद को ध्यान में रखते हुए साथ ही शांतिपूर्ण कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए और प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव को नियंत्रित करने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महासमुंद निलेशकुमार क्षीरसागर द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत धारा 144 (1) का प्रयोग करते हुए जिले के सम्पूर्ण शहर में विभिन्न प्रकार की सभा, धरना, रैली, जुलूस के आयोजन आदि को प्रतिबंधित किया गया है।
बता दें कि जिला महासमुन्द के सभी नगरीय निकाय क्षेत्र, महासमुन्द नगरपालिका, तुमगांव नगर पंचायत, बागबाहरा नगरपालिका, पिथौरा नगर पंचायत, बसना नगर पंचायत एवं सरायपाली नगरपालिका को प्रतिबंधित किया गया है। इन जगहों पर किसी भी प्रकार की सभा, धरना, . रैली, जुलूस के आयोजन, सार्वजनिक स्थानों में भीड़ एवं अवांछित विचरण पर मनाही की गयी है। यहां कोई भी 5 व्यक्ति या 5 से ज्यादा का समूह एकत्र नहीं हो सकते हैं। साथ कीसी भी व्यक्ति द्वारा शस्त्र, तलवार, फरसा, भाला, लाठी, चाकू, छुरा, कुल्हाड़ी, गुप्ती, त्रिशुल, खुकरी, सांग एवं बल्लम अथवा अन्य अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग या बाहर लेकर निकलना करना वर्जित है।
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