India News (इंडिया न्यूज़), Bastar News, रायपुर: आधुनिक और डिजिटल इंडिया में आज भी एक ऐसा भारत छिपा है जो भूत-प्रेत और काला जादू को मानता है। लोग इसपर आंख बंद कर विश्वास करते हैं और छुटकारा पाने के लिए बेतहाशा पैसा भी बहाते हैं। देश के कई इलाकों में अंधविश्वास इतना है जिसकी कोई सीमा नहीं है।
देश के जिन इलाकों में शिक्षा और पढ़े-लिखे लोगों की संख्या कम है वहां यह अंधविश्वास ज्यादा गहरा है। ज्यादातर ऐसे मामले पिछड़े और आदिवासी इलाकों में पाए जाते हैं। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का है जहां एक युवती के अमानवीय बर्ताव हुआ है।
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के सरोना गांव में एक मानसिक रूप से कमजोर 18 साल की लड़की के
पैरों में लोहे के बेड़िया बंधवाकर भुगतनी पड़ रही है। लड़की को मानसिक रूप से ठीक करने के नाम पर युवती के पैरों में बेड़ियों से बंधवा दिया गया जिसके बाद उसे चलने-फिरने में काफी तकलीफ हो रही है।
मामले की जानकारी कांकेर के कलेक्टर को लगते ही कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तुरंत महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के माध्यम से लड़की की बेड़ियां खुलवाई गईं। बाल विकास विभाग की टीम ने लड़की को बेड़ियों से मुक्त कर बैगा को इस तरह का इलाज ना करने की सख्त चेतावनी दी।
बैगा ने पूछताछ में बताया कि लड़की भानुप्रतापपुर क्षेत्र की रहने वाली है और मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण लड़की बार बार घर से बाहर निकल जाती है, जिसका इलाज झाड़-फूंक और जड़ी बूटी के जरिए किया जा रहा है।
इस मामले के सामने आने के बाद महिला बाल विकास अधिकारी रीना लारिया ने बताया कि कांकेर जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में अंधविश्वास को रोकने और लोगों को इसके प्रति जागरुक करने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
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