इंडिया न्यूज़, Bastar : (Establishing ansar police camp in this area is not an easy task.) बस्तर जिले में नक्सलियों का आतंक ख़त्म हो गया है। जिले के सभी लोग बिना डरे अपना काम करते है। इस इलाको के अंसार पुलिस कैंप लगाया कोई आसान काम नहीं है। इस दौरान पुलिस के जवानो के ऊपर हमें उनकी गाड़ियों को आग लगाना उनके खिलाफ प्रदर्शन कर बहुत से मामलो का सामना करना पड़ा है। इस काम के लिए डीएसपी ऑपरेशन भार सिंह मंडावी का नाम सबसे पहले आता है। जिन्होंने अनेको कैंप को खोला है। जो इस काम में सबसे ज्यादा माहिर है।
जानकारी के अनुसार साल 2015 में डीएसपी ऑपरेशन भार सिंह मंडावी की भर्ती हुई थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ आवाज उड़ाई है। वे ऐसे इंसान है जो नक्सलियों से भरे इलाके में अपने कैंप को लगते है। और वह पर विकास से जुड़े कार्य करते है।
बताया जा रहा है कि डीएसपी भार सिंह मंडावी ने अब तक जिले के 7 इलाको में कैंप लगा कर विकास के काम किये है । जिसमे मालेवाही, तिरिया , बोदली, कोलेंग, चांदामेटा, रेखाघाटी, गुढ़िया चौक शामिल है। इस सभी इलाको में पुलिस के जवानो के कैंप लगाए गए थे। जिसका असर पास के 200 गांव पर हुआ। इन गांव में अब नक्सलियों का आना बंद हो गया है । जिले के इन इलाको में कैंप खुलने से यहाँ के लोगो के लोगो के लिए सड़कें, सरकारी योजना, स्कूल, बिजली, साफ पानी पहुंचता हैं। इलाके के लोग जागरूक होते हैं। जिसके कारण बहुत से इलाकों में नक्सलियों को भगाने में काम यब हुए है।
डीएसपी मंडावी कैंपों के खुलवाने के बाद उन्होंने 50 से ज्यादा मुठभेड़ की है। इस दौरान उन्होंने 14 नक्सलियों का एनकाउंटर किया है। इस वीरता के लिए उनका नाम राष्ट्पति वीरता पुष्कर के लिए नाम भेजा गया है। डीएसपी मंडावी ने हाल ही में चांदामेटा में कैंप खुलवाया है। यहां सीआरपीएफ तैनात हो गई है। जिसके बाद उनको एक और कैंप के लिए बोला गया है।
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