इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: प्रदेश में त्योहारों के चलते नदियों में लोग मूर्तियों का विसर्जन करते है। इसमें बहुत सी मूर्तियां POP की भी शामिल होती है। जिसके चलते प्रदेश सरकार ने गणेशोत्सव आने पर नई गाइडलाइन जारी की है। CM भूपेश बघेल ने कलेक्टर्स को निर्देशित दिए है कि अब प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों में नहीं होगा। छत्तीसगढ़ में अब राज्य शासन एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के आधार पर ही प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए अन्य व्यवस्था कि जाएगी। CM ने कहा कि किसी भी हाल में प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों में नहीं होना चाहिए। जिसके चलते CM ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है।
जानकारी के मुताबिक अब दुर्गा पूजा, तीज, गणेश विसर्जन, पितृमोक्ष- अमावस्या जैसे त्योहारों पर तालाबों की सफाई की जाएगी। फागिंग, शुद्ध पेयजल, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी करवाया जाएगा। तालाबों में सामग्री को विसर्जित करने से पहले अलग-अलग रखा जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अनुसार किसी भी मूर्ति का विसर्जन नदी में नहीं होना चाहिए। ताकि नदी के पानी को गंदा होने से बचाया जा सकें। इसके अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यह भी निर्देश जारी किए है कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए भी जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन कार्यवाही करें ताकि ध्वनि प्रदूषण को कम किया जा सकें।
यह भी निर्देश दिया गया है की POP की बनाई जा रही मूर्तियों पर भी रोक लगा दी जाए। ताकि पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकें। इसके अलावा आयोजन स्थलों के पास मोबाइल मेडिकल यूनिट उपलब्ध होने चाहिए। जिन स्थलों पर मूर्ति का विसर्जन होना है उनपर पूरी तरह से लाइटिंग होनी चाहिए। मूर्ति विसर्जन के लिए कम ट्रैफिक वाला रास्ता चुनना चाहिए। ताकि लोगोँ को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
शहर में घूम रहे आवारा मवेशियों को कांजी हाउस में भेजना चाहिए। ताकि यातायात में किसी भी प्रकार की कोई रुकावट न आए। जिसे सभी कार्य सुगमता से हो। जैसे की पहले भी बताया गया है की इन सभी नियमों का पालन करने के लिए CM ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिए है।