इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: कैट में अभी करीब 60 प्रतिशत तक पद खली पड़े है। जिसके चलते कई मामलों पर सुनवाई नहीं हो पा रही। करीब 19 बेंच में काफी समय से पद खली पड़े हुए है। बता दें कि इन खाली पदों की संख्या अब 43 हो गई है। जबकि कैट (Central Administrative Tribunal) में काम कर रहे सदस्यों की बात करें तो अभी 26 सदस्य ही काम कर रहे है।
(Impact on Hearing) कुल मामलों की बात करें तो अभी भी करीब एक लाख 34 हज़ार से भी ज्यादा मामलें ज्यों के त्यों ही पड़े हुए है। अधिकारियों और कर्मचारियों के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर प्रिंसिपल बेंच की बात करें तो 11 में से अभी 7 पद ही भरे है जबकि 4 पद रिक्त पड़े हुए है।
हाईकोर्ट के अलावा जिला कोर्ट में भी जजों के पद खाली पड़े हुए है। (Impact on Hearing) जिसके चलते कई मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही। हालांकि कुछ समय से कोर्ट में जजों की नियुक्तियां तेज की गई है। अब जजों की नियुक्ति की जा रही है। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में पद खाली होने के कारण काफी असर देखने को मिल रहा है। लेकिन फिर भी कैट में खाली पदों पर नियुक्ति नहीं हो रही।
जस्टिस सूर्यकांत एवं सुको की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरणों के न्यायिक और प्रशासनिक सदस्य की जब तक नियुक्ति नहीं होती, तब तक रिटायरमेंट न दी जाए। यह बात संविधान के अनुच्छेद 142 में प्रदत्त अधिकारों के तहत कही गई।
(Central Administrative Tribunal) कैट की देश में करीब 19 बेंच हैं। संसद ने वर्ष 1985 में प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम अनुच्छेद 323A के तहत पारित किया था। इसके तहत कर्मचारियों और केंद्रीय अधिकारियों के मामले पर सुनवाई होती है। अभी सदस्य प्रशासनिक के सिर्फ 11 पद ही भरे है जबकि 24 पद अभी भी खाली ही है। प्रिंसिपल बेंच में कुल 11 पदों को मंजूरी मिली है, जिनमें से 4 पद अभी भी खाली ही है।