इंडिया न्यूज़, Bilaspur News: छत्तीसगढ़ में डामर घोटाला हुआ है जिसके तहत करीब 200 करोड़ रुपये राशि का घोटाला होने की बात कही जा रही है। इस घोटाले पर याचिका दायर की गई थी, जिसपर राज्य शासन ने कहा कि जिम्मेदार एवं दोषी ऑफिसर्स पर करवाई हो रही है। इसी के चलते हाइकोर्ट ने भी शासन को कहा कि लिखित दस्तावेज प्रस्तुत किये जाए एवं इसकी एक कॉपी याचिका दायर करने वाले को भी दी जाए। इसपर अगली सुनवाई दो हफ्तों के बाद की जाएगी ।
हाईकोर्ट में दायर की गई वीरेंद्र पांडेय की याचिका में बताया गया है कि वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने लिखित आश्वासन के उपरांत निराकृत कर दिया गया था। उस समय से लेकर अब तक इस मामले पर कोई भी करवाई नहीं हुई। हालांकि इस मामले पर याचिका दायर करने वाले 2014 से कारवाही की मांग कर रहे है। याचिका का जवाब देते हुए शासन ने इस बात पर कहा कि मामला इतना संतोषजनक नहीं। फिर भी हाईकोर्ट के लिखित आश्वासन देने के उपरांत भी शासन इस विषय पर गंभीर रूप से कार्यवाही नहीं कर रहा। जिसके चलते हाईकोर्ट में फिर से याचिका दायर करनी पड़ी है।
बता दें कि करीब 21 सड़को के निर्माण कार्य के लिए ADB बैंक से 1200 करोड़ रुपये का लोन लिया गया था। जानकारी के अनुसार इसमें से 200 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था। याचिकाकर्ता ने शासन से इस मामले पर हुई कार्यवाही पर जानकारी मांगी है क्योंकि 2014 के इस मामले की गुथी अभी तक क्यों नहीं सुलझी।
केस कि सुनवाई के दौरान कोर्ट शासन से असंतुष्ट हुआ शासन ने कहा कि इस कारवाही के दस्तावेजों को कोर्ट में पेश किया जाए साथ ही याचिका दायर करने वाले को भी एक प्रति उपलब्ध करवाई जाए। हालांकि कोर्ट ने शासन को कार्यवाही करने का समय दिया है। चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी की डिवीजन बेंच में शासन ने कहा कि दोषी अफसरों पर कार्यवाही जल्द ही होगी।
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