India News(इंडिया न्यूज़), Earth Science: एक दिन 24 घंटे का होता है। दिलचस्प बात यह है कि हमेशा ऐसा नहीं होता था। कभी-कभी एक दिन में 24 घंटे से भी कम समय होता था। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक दिन में 25 घंटे हो सकते हैं। ऐसा होने की प्रबल सम्भावना है। इसका कारण पृथ्वी के घूमने की प्रवृत्ति है। यह दावा टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख (टीयूएम) ने किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में एक दिन में घंटों की संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने ये भी बताया कि ऐसा कब होगा।
संस्थान पृथ्वी के बारे में डेटा प्राप्त करने के लिए एक विशेष प्रकार के उपकरण का उपयोग कर रहा है। इसे रिंग लेजर कहते हैं। इसका काम पृथ्वी के घूमने के पैटर्न और गति को मापना है। यह इतनी सटीकता से काम करता है कि पृथ्वी की गति में होने वाले छोटे-बड़े बदलावों का भी आसानी से पता लगा लेता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि ठोस और तरल जैसी चीजें पृथ्वी के घूमने की गति को प्रभावित करती हैं। ये परिवर्तन वैज्ञानिकों को नई जानकारी प्रदान करते हैं और अल नीनो जैसे मौसम संबंधी परिवर्तनों के प्रभावों को समझने में मदद करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, लेजर रिंग एक जाइरोस्कोप है, जो धरती से 20 फीट नीचे एक विशेष दबाव वाले क्षेत्र में होता है। यहां से निकलने वाली लेजर पृथ्वी के घूमने की गति में होने वाले बदलाव को तुरंत पकड़ लेती है। यहां से वैज्ञानिकों ने घंटे बढ़ाए जाने की संभावना पर अपनी मुहर लगा दी है।
पृथ्वी से जुड़ा ऐसा डेटा निकालना आसान नहीं था। खगोलविदों का दावा है कि भले ही आज 24 घंटे का दिन है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। डायनासोर के युग में एक दिन में 23 घंटे होते थे। एबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि उस युग में चंद्रमा पृथ्वी से थोड़ा करीब हुआ करता था।
रिपोर्ट में कहा गया है, बदलाव ऐसा नहीं है कि सब कुछ एक ही दिन में हो जाएगा। ये धीरे-धीरे होगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लगभग 200 मिलियन वर्षों के बाद एक दिन 25 घंटे लंबा होगा।
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