आचार्य नीरज पाराशर, वृन्दावन
Today 26-02-2022 Panchang and Horoscope : ** जय श्री राधे ***
???? महर्षि पाराशर पंचांग ????
26/02/2022
दशमी, कृष्ण पक्ष,फाल्गुन
(समाप्ति काल)
तिथि दशमी 10:38:48 तक
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र मूल 10:31:09
योग सिद्वि 20:49:45
करण विष्टि भद्र 10:38:48
करण बव 21:26:16
वार शनिवार
माह फाल्गुन
चन्द्र राशि धनु
सूर्य राशि कुम्भ
रितु शिशिर
सायन वसन्त
आयन उत्तरायण
संवत्सर प्लव
संवत्सर (उत्तर) आनंद
विक्रम संवत 2078
विक्रम संवत (कर्तक) 2078
शाका संवत 1943
वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:48:02
सूर्यास्त————- 18:16:28
दिन काल———– 11:28:25
रात्री काल———- 12:30:35
चंद्रास्त————- 13:35:44
चंद्रोदय————– 28:12:18
लग्न कुम्भ 13*15′ , 313*15′
सूर्य नक्षत्र शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र मूल
नक्षत्र पाया ताम्र
पद, चरण
भी मूल 10:31:09
भू पूर्वाषाढा 16:05:53
धा पूर्वाषाढा 21:40:08
फा पूवार्षाढा 27:14:02
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कुम्भ 13:12 ‘ शतभिषा , 2 सा
चन्द्र =धनु 11*23 ‘ मूल , 4 भी
बुध = मकर 18* 07 ‘ श्रवण ‘ 3 खे
शुक्र=धनु 29*05, उ षा ‘ 1 भे
मंगल=धनु 29*30 ‘ उ षा ‘ 1 भे
गुरु=कुम्भ 18*30 ‘ शतभिषा, 4 सू
शनि=मकर 24*33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 02*30’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 02*30 विशाखा , 4 तो
?????? मुहूर्त प्रकरण ??????
राहू काल 09:40 – 11:06 अशुभ
यम घंटा 13:58 – 15:24 अशुभ
गुली काल 06:48 – 08:14 अशुभ
अभिजित 12:09 -12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 08:20 – 09:06 अशुभ
??गंड मूल 06:48 – 10:31 अशुभ
??चोघडिया, दिन
काल 06:48 – 08:14 अशुभ
शुभ 08:14 – 09:40 शुभ
रोग 09:40 – 11:06 अशुभ
उद्वेग 11:06 – 12:32 अशुभ
चर 12:32 – 13:58 शुभ
लाभ 13:58 – 15:24 शुभ
अमृत 15:24 – 16:50 शुभ
काल 16:50 – 18:16 अशुभ
??चोघडिया, रात
लाभ 18:16 – 19:50 शुभ
उद्वेग 19:50 – 21:24 अशुभ
शुभ 21:24 – 22:58 शुभ
अमृत 22:58 – 24:32* शुभ
चर 24:32* – 26:06* शुभ
रोग 26:06* – 27:39* अशुभ
काल 27:39* – 29:13* अशुभ
लाभ 29:13* – 30:47* शुभ
होरा, दिन
शनि 06:48 – 07:45
बृहस्पति 07:45 – 08:43
मंगल 08:43 – 09:40
सूर्य 09:40 – 10:38
शुक्र 10:38 – 11:35
बुध 11:35 – 12:32
चन्द्र 12:32 – 13:30
शनि 13:30 – 14:27
बृहस्पति 14:27 – 15:24
मंगल 15:24 – 16:22
सूर्य 16:22 – 17:19
शुक्र 17:19 – 18:16
होरा, रात
बुध 18:16 – 19:19
चन्द्र 19:19 – 20:22
शनि 20:22 – 21:24
बृहस्पति 21:24 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:29
सूर्य 23:29 – 24:32
शुक्र 24:32* – 25:34
बुध 25:34* – 26:37
चन्द्र 26:37* – 27:39
शनि 27:39* – 28:42
बृहस्पति 28:42* – 29:45
मंगल 29:45* – 30:47
उदयलग्न प्रवेशकाल
कुम्भ > 06:08 से 07:42 तक
मीन > 07:42 से 09:09 तक
मेष > 09:09 से 11:54 तक
वृषभ > 11:54 से 13:33 तक
मिथुन > 13:33 से 14:57 तक
कर्क > 14:57 से 17:21 तक
सिंह > 17:21 से 18:22 तक
कन्या > 18:22 से 09:37 तक
तुला > 09:37 से 00:04 तक
वृश्चिक > 00:04 से 02:21 तक
धनु > 03:21 से 04:20 तक
मकर > 04:20 से 06:08 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमश: सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है ’
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च ’
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ’’
अग्नि वास ज्ञान
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेरमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दशार्येत् ।।
15 + 10 + 7 + 1 = 33 रु 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है ’
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति
?? शिव वास एवं फल -:
25 + 25 + 5 = 55 रु 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक ,दु:ख कारक
??भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
प्रात: 10:38 तक समाप्त
पाताल लोक = धनलाभ कारक
???? विशेष जानकारी ????
* विजया एकादशी व्रत (स्मार्त)
* स्वामी दयानन्द सरस्वती जयन्ती
* वीर सावरकर पुण्यतिथि
?????? शुभ विचार ??????
तद्भोजनं यद् द्विजभुक्तशेषं
तत्सौहृदं यत्क्रियते परस्मिन् ।
सा प्राज्ञता या न करोति पापं
दम्भं विना य: क्रियते पापं
दम्भं विना य: क्रियते स धर्म: ।।
।।चा ङ्म नी ङ्म।।
एक सच्चा भोजन वह है जो ब्राह्मण को देने के बाद शेष है. प्रेम वह सत्य है जो दुसरो को दिया जाता है. खुद से जो प्रेम होता है वह नहीं. वही बुद्धिमत्ता है जो पाप करने से रोकती है. वही दान है जो बिना दिखावे के किया जाता है.
सुभाषितानि
गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अङ्म-13
ज्ञेयं यत्तत्वप्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वामृतमश्नुते ।,
अनादिमत्परं ब्रह्म न सत्तन्नासदुच्यते ॥,
जो जानने योग्य है तथा जिसको जानकर मनुष्य परमानन्द को प्राप्त होता है, उसको भलीभाँति कहूँगा।, वह अनादिवाला परमब्रह्म न सत्? ही कहा जाता है, न असत् ही॥,12॥,
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देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशे: प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशे: प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
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कुंभ राशिफल Aquarius
घर, दुकान, फैक्टरी व शोरूम इत्यादि के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। कारोबार में बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके काम बनेंगे। घर-बाहर उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।
मीन राशिफल Pisces
प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में मातहत साथ देंगे।
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