इंडिया न्यूज़, New Delhi : प्रसिद्ध पूर्व एथलीट पीटी उषा मंगलवार को राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेंगी। पीटी उषा और महान संगीतकार इलैयाराजा सोमवार को शपथ ग्रहण के लिए कुछ कारणों से राज्यसभा में उपस्थित नहीं हो सके। केरल के कोझीकोड जिले के एक छोटे से गाँव में जन्मी पीटी उषा भारत की सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने चौथी कक्षा से दौड़ना शुरू कर दिया। 13 साल की उम्र में केरल सरकार के द्वारा लड़कियों के लिए शुरू किए गए स्पोर्ट्स डिविजन में प्रवेश लिया।
1980 में केवल 16 साल की उम्र में वो मॉस्को में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था। पीटी उषा देश भर में उन लाखों युवा लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल और प्रेरणा रही हैं। जिन्होंने खेल, विशेष रूप से ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में अपना करियर बनाने का सपना देखा है। 1984 के ओलंपिक में वह फोटो-फिनिश में ट्रैक और फील्ड में भारत का पहला पदक जीतने से चूक गईं क्योंकि वह महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रहीं और 1/100 सेकंड से कांस्य पदक हार गईं।
इससे पहले सोमवार को क्रिकेटर से नेता बने हरभजन सिंह, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने लगभग 25 अन्य नेताओं के साथ राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। अन्य लोगों में ए राव मीणा, विजय साई रेड्डी, खीरू महतो, शम्भाला सरन पटेल, रंजीत रंजन, महाराष्ट्र मांझी, आदित्य प्रसाद, प्रफुल पटेल, इमरान प्रतापगढ़ी, संजय राउत, सस्मित पात्रा, संदीप कुमार पाठक और विक्रमजीत सिंह साहनी शामिल थे।
शपथ ग्रहण करने वालों में रणदीप सिंह सुरजेवाल, पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल, आर गर्ल राजन, एस कल्याण सुंदरम, केआरएन राजेश कुमार, जावेद अली खान, वी विजेंद्र प्रसाद शामिल थे। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन विभिन्न राजनीतिक दलों के नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। राज्यसभा ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, यूएई के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान और केन्या के पूर्व राष्ट्रपति मवाई किबाकी को भी श्रद्धांजलि दी।
पूर्व सदस्यों किशोर कुमार मोहंती, रॉबर्ट खर्शिंग, के के वीरप्पन और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा को भी श्रद्धांजलि दी गई। राज्य सभा के महासचिव पीसी मोदी ने एक वक्तव्य (अंग्रेजी और हिंदी में) भी सदन के पटल पर रखा जिसमें राज्य सभा के दो सौ छप्पनवें सत्र के दौरान संसद के सदनों द्वारा पारित विधेयकों को दिखाया गया था और राष्ट्रपति द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी। बाद में सदन की कार्यवाही में व्यवधान के बाद विपक्षी दल के सदस्यों द्वारा हंगामा देखा गया। जिसके कारण सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।
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