इंडिया न्यूज़, INS Vikrant : ( Frame of INS Vikrant Made of steel of BSP)
भिलाई स्टील प्लांट (BSP) का नाम देश के कोने कोने में लिया जाता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर को पहला स्वदेशी विमान जंगी जहाज ‘आईएनएस विक्रांत’ नौसेना को सौंपा गया है। इस विमान को फ्रेम देने के लिए भिलाई स्टील प्लांट (BSP का बहुत बड़ा हाथ है। भारत के सभी समुद्री जहाज से बड़ा और विशाल जहाज केवल BSP से निर्मित डीएमआर ग्रेड का स्पेशल लोहा से तैयार किया गया है।
इस जहाज के निर्माण के लिए BSP सहित बोकारो और राउरकेला की इकाई के साथ आईएनएस विक्रांत को तैयार करने के लिए 30 हजार टन डीएमआर ग्रेड का विशेष लोहा लगया गया है। जानकारी के अनुसार, देश में महारत हासिल करने वाली कंपनी अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Authority of India Limited) (सेल) सहित BSP के साथ मिल जाएगी। इस कंपनी द्वारा तैयार स्टील में विशेष डीएमआर ग्रेड प्लेट्स शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, इस जहाज को तैयार करने के BSP स्टील का विशेष लोहा लगया गया है। इस जहाज के पतवार और पोत के अंदरूनी हिस्सों के लिए ग्रेड 249 ए और उड़ान डेक के लिए ग्रेड 249 बी की डीएमआर प्लेटों का उपयोग किया है। इस जहाज में बल्ब बार को छोड़कर स्पेशियलिटी स्टील की पूरी फ्रेम BSP स्टील से तैयार की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के 75 वर्षगांठ पर इस जहाज को भारतीय सेना के सौंपा गया है। ये अपने देश के लिए सबसे बड़े गौरव की बात है। इस वाहन को तैयार करने के लिए कोचीन शिपयार्ड में 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गया है। जिसके निर्माण में बीएसपी स्टील का सबसे बड़ा सहयोग है। इस विमान में जरूरत मंद के लिए दवाइयां भी रखी जाएगी।
विमान पर तीन रसोई होंगी, जो इसके चालक दल के 1,600 सदस्यों के भोजन की जरूरतों को पूरा करेंगी। पोत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है और इसकी अधिकतम गति 28 नॉट है। विक्रांत में करीब 2200 कंपार्टमेंट हैं। इस विमान में कुल 1600 कर्मचारी कार्य करेंगे जिसमे महिला भी शामिल है।
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