India News (इंडिया न्यूज़) CG News,रायपुर: छत्तीसगढ़ में शिक्षा सत्र में छत्तीसगढ़ी भाषा और स्थानीय बोली को महत्व दिया जाएगा। जिसके चलते छत्तीसगढ़ी भाषा और स्थानीय बोली को बढ़ावा मिल सके। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने आगामी शिक्षा सत्र से छत्तीसगढ़ भाषा और आदिवासी क्षेत्रों में स्थानीय बोली को कक्षा 1 से 5 तक के पाठ्यक्रम में शामिल करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर सीएम बघेल ने इसकी घोषण की थी। जिसके चलते राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संचालक राजेश सिंह राणा ने कार्रवाई के लिए बैठक आयोजित की। जिसमें अधिकारियों को इसमें कई आवश्यक निर्देश दिए।
राणा ने इस कार्य के लिए कक्षा 1 से कक्षा 5 तक सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी भाषा (रायपुर एवं बिलासपुर संभाग), सरगुजिहा, हल्बी, गोड़ी, सादरी, कुडुख स्थानीय भाषाओं में 15 सितम्बर तक प्रथम पांडुलिपि तैयार कर प्रस्तुत करने कहा है. अशासकीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने कक्षा 1 से 3 तक इस क्षेत्र में कार्य किए जाने वाली स्थानीय भाषाओं में पाठ्य सामग्री निर्माण कर, दी गई समय सीमा में प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया है. इसे स्थानीय भाषाओं के लिए पूर्व तैयार की गई समितियों के मध्य आगामी 15 सितम्बर को चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।