India News Chhattisgarh (इंडिया न्यूज), World Digestive Health Day: आज World Digestive Health Day है और इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि पेट और दिमाग का कितना गहरा रिश्ता है। हम अक्सर कहते हैं कि दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट और दिमाग का भी एक मजबूत कनेक्शन है?
पेट को ‘दूसरा दिमाग’ क्यों कहा जाता है?
पेट को ‘दूसरा दिमाग’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें छोटे जीवों का एक सक्रिय समुदाय होता है, जिसे गट माइक्रोबायोम कहा जाता है। यह शरीर के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य करता है जैसे इम्यून सिस्टम को मजबूत करना और जरूरी पोषक तत्व बनाना।
पेट और दिमाग की बातचीत
हैरानी की बात है कि गट माइक्रोबायोम दिमाग से भी बातचीत करता है। यह बातचीत ‘गट-ब्रेन एक्सिस’ के जरिए होती है। इसमें पेट और दिमाग के बीच संवाद होता रहता है। लेकिन तनाव या किसी और चीज की वजह से गट हेल्थ प्रभावित होती है, तो यह कनेक्शन भी बिगड़ जाता है।
गट हेल्थ पर पड़ता है असर (World Digestive Health Day)
जंक फूड, अल्कोहल, बासी भोजन, लेट नाइट स्नैकिंग और अनहेल्दी डाइटिंग से गट हेल्थ प्रभावित होती है। ऐसे में पेट से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं जो दिमाग पर असर डालने लगती हैं। हेल्दी खानपान, एक्सरसाइज और तनाव से दूरी से आप पेट और दिमाग के रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है
जिस तरह गट हेल्थ से दिमाग प्रभावित होता है, उसी तरह मानसिक परेशानियों का भी पहला असर गट हेल्थ पर पड़ता है। इसलिए अपना खानपान और जीवनशैली संतुलित रखना बेहद जरूरी है ताकि पेट और दिमाग दोनों स्वस्थ रहें।
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