India News (इंडिया न्यूज़), Heart Attack: आज के समय में हृदय रोगों का खतरा अब उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या तक सीमित नहीं रहा है। आब 30 साल से कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक की समस्या हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार स्कूली बच्चों में भी कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण मौत के मामले दर्ज किए गए हैं।
हाल ही में गुजरात में नवरात्रि महोत्सव के दौरान गरबा खेलते समय दिल का दौरा पड़ने से कई लोगों की मौत हुई। इस हादसे के बाद गुजरात राज्य स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने ‘कार्डियोलॉजिस्ट’ सहित चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ बैठक की। इस बैठक में दिल का दौरा पड़ने के कारणों और उपचार का पता लगाने को कहा गया था।
आईसीएमआर के एक अध्ययन में यह दावा किया गया कि जो व्यक्ति गंभीर रूप से कोविड वायरस का शिकार हुए थे, उनमें हृदय रोग का जोखिम अधिक है। ऐसे लोगों को सलाह दी गई कि दिल का दौरे से बचने के लिए एक या दो साल तक अत्यधिक परिश्रम नहीं करना चाहिए।
जब किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है तो उसकी छाती और उसके शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण भी महसूस होते हैं। दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों को पहचानना और तुरंत इलाज करवाना महत्वपूर्ण है और इससे किसी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
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