India News (इंडिया न्यूज़) CG News: NGDRS प्रणाली देश के 14 राज्यों में पहले से ही लागू है। अब केंद्र सरकार ने भूमि संसाधन विभाग के तहत इसका साफ्टवेयर एनआइसी किया है। इसके माध्यम से सभी राज्यों का डेटा एनआइसी के क्लाइड सर्वर में सुरक्षित रूप से रखा जाएगा। जनता के लिए इस सिस्टम में आइडी-पासवर्ड की सुविधा है। जिसके जरिए वो आनलाइन भुगतान कर सकेंगे। साथ ही जमीनों के दस्तावेजों की जांच कर सकते है।
HIGHLIGHTS
- जमीन-जायदादों का होगा पंजीयन
- देशभर के 11 राज्यों में मिलेगा इसका लाभ
- 11 राज्यों में प्रणाली से जमीन-जायदादों का होगा पंजीयन
दरअसल राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली से जमीन-जायदादों से जुड़े विवादित मामलों में कमी देखने को मिलेगी। अचल संपत्तियों के पंजीयन के लिए ये राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली शुरू की जा रही है। नई प्रणाली में आधार, पैन नंबर इंटीग्रेशन के साथ ही बैंकों से आनलाइन भुगतान की सुविधा मिलेगी। अधिकारियों के मुताबिक, इससे जमीनों के फर्जीवाड़े के मामले कम देखने को मिलेंगे। पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी हैं कि, वर्तमान में प्रदेश के तीन शहरों में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पहले से ही संचालित हो रहा था।
राज्य के सभी पंजीयन कार्यालयों में NGDRS सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है। प्राप्त दिशा-निर्देशों के मुताबिक, मार्च-2024 तक सभी कार्यालयों में इस प्रणाली से अचल संपत्तियों का पंजीयन पूरा हो जाएगा।
15 जनवरी से यह लागू किया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत देश के 11 राज्यों में पंजीयन का कार्य शुरू हो गया है।
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