इंडिया न्यूज़, Auto News : पेट्रोल डीज़ल के रेट्स के बढ़ते दाम के कारण लोग इलेक्ट्रिक कारों को ज्यादा पसंद कर रहे है। वहीं अब भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक विकल खरीदने वालों को सब्सिडी दे रही है। इसका मुख्या उद्देश्य ग्रीन हाउस एनर्जी पर फोकस करना भी है। हालांकि कुछ समय से इलेक्ट्रिक कारों में आग लगने की बात भी सामने आई है, जिसके कारण इनकी मांग घटी है। लेकिन आने वाले कुछ समय तक EV वाहन में काफी विकास देखने को मिलने वाला है। जिसे इसकी मांग चरम सीमा पर पहुंच जाएगी।
एक रिपोर के अनुसार भारत में करीब 8 सालों तक नई इलेक्ट्रिक वाहन हर तीन में से एक व्यक्ति के पास होगा । जानकारी के अनुसार देश में करीब 13 लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड है जबकि इनमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप के वाहनों को इस गिनती में शामिल नहीं किया गया।
हाल ही में एनवायर्नमेंट एंड वाटर ने एक काउंसिल ऑन एनर्जी स्टडी हुई है। इस स्टडी में पाया गया है कि 2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की संख्या बढ़कर करीब 30 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। जबकि 2050 तक यह बिक्री 75 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। स्टडी रिपोर्ट में पाया गया कि करीब 8 साल तक टू वीलर वाहनों में EV वाहनों की बिक्री 50 प्रतिशत हो जाएगी।
जबकि 3 वील और 4 वीलर वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 25 फीसदी से भी ज्यादा होगी। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को वाहन चार्जिंग की सरंचना को जल्द तैयार करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्ट इस क्षेत्र में करना चाहिए। इसके अलावा सरकार को EV वाहनों की बिक्री में भी सपोर्ट करना चाहिए।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश कुछ राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, तेलंगाना आदि को छोड़कर 13 लाख EV वाहन रजिस्टर है। उन्होंने बताया की हाल ही में 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशन 16 हाईवे के किनारे लगाने के लिए मंजूरी दी गई है। जबकि फेम 2 योजना के अंतर्गत करीब 2,877 सार्वजनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाए गई है। यह स्टेशन करीब 68 शहरों में लगाए गए है। मंत्री ने कहा कि 14 जुलाई तक करीब 2,826 सार्वजनिक चार्जिंग सेंटर देश में कार्य कर रहे थे।
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