India News CG (इंडिया न्यूज़), Schools In naxal Area: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। दुलेड़ एलमागुंडा गांव में आजादी के 77 साल बाद पहली बार स्कूल की घंटी बजी है। जहां कभी लाल सलाम के नारे गूंजते थे, वहां अब बच्चों की किलकारियां और वर्णमाला की आवाजें सुनाई दे रही हैं।
हालांकि यह स्कूल अभी एक झोपड़ी में चल रहा है, लेकिन यह क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव है। ग्रामीणों ने मिलकर इस अस्थाई स्कूल का निर्माण किया है, जो उनकी शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
2006 में सलवा जुडूम के दौरान, इस क्षेत्र के कई स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके बाद से, अंदरूनी गांवों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए आश्रमों और पोटाकेबिनों का सहारा लिया गया। लेकिन 50% से अधिक ग्रामीण बच्चे फिर भी शिक्षा से वंचित रह गए।
अब सरकार इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच मजबूत कर रही है और बुनियादी सुविधाएं पहुंचा रही है। 26 जून को प्रदेश भर में चलाए गए शाला प्रवेश उत्सव ने इस गांव के लिए नई उम्मीद जगाई है।
यह पहल न केवल शिक्षा तक पहुंच बढ़ाएगी, बल्कि उन बच्चों को भी अवसर देगी जो पहले घरेलू जिम्मेदारियों के कारण पढ़ाई से वंचित रह जाते थे। यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक परिवर्तन की एक नई शुरुआत हो सकती है, जहां शिक्षा के माध्यम से विकास और शांति की नींव रखी जा सकती है।
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