इंडिया न्यूज़, छत्तीसगढ़: Land Records Will be Visible on mobile : राजस्व कार्यो को और प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के गांवों को डिजीटल नक्शों में लाने का काम करने जा रही है। इस प्रकिया को जियोरिफ्रेसिंग की कहा जाता है। इससे गांवों के साथ ही तहसीलों व जिलों की सरहदें भी तत्काल पता चल जाएंगी। इस जियोरिफ्रेसिंग तकनीक से किसानों और आम जनता को अपनी जमीन की सभी जानकारी भी मिल सकेगी। इसका ज्यादा फायदा किसानो को होगा। क्योंकि इसके बन जाने से जमीनों के विवाद निपट जाएंगे। इसके लिए पटवारियों को बुलाकर सीमांकन कराने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी और किसान अपनी जमीन की सीमा और नक्शा दोनों को देख सकता है ।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार भी इस डिजीटल नक्शें के ऊपर काम कर रही है। केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से शहरों का मास्टर प्लान मांगा है। जिसको अभी पेपर पर उतारा जाएगा । इसको लेकर अभी राज्यों से बात चल रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश की पांच दर्जन से अधिक निकायों का मास्टर प्लान बनकर तैयार है।
ये मास्टर प्लान बड़े गहन अध्ययन से बनाया गया है। ताकि इसके अमल में कोई दिक्कत न आए। इसीलिए अब छत्तीसगढ़ के गांवों के डिजीटल नक्शों के जियोरिफ्रेसिंग कराई जाएगी। ये कार्य सरकार ने (CHiPS) को सोपा है। जो प्रदेश के सभी गांवो को डिजीटल नक्शें में परिर्वतन का काम करेंगी। सरकार ने इस काम को करने के लिए 40-45 करोड़ रुपए बजट बनाया है।
Land records will be visible on mobile
गांवो की जियोरिफ्रेसिंग करना थोड़ा मुश्क्लि कार्य ह। इसके लिए सरकार राजस्व विभाग के लोगों की ट्रेनिंग की गई है। इसके साथ ही उनको डिजीटल उपक्रण भी उपल्बध करवाए गए है। यह डिजीटल नक्शों के जियोरिफ्रेसिंग करेगा। भौगोलिक जियोरिफ्रेसिंग का काम पूरा होने के बाद इसे सुझाव और आपत्तियां मंगवाए जाएंगे। इनके निराकरण के बाद पब्लिकेशन कराया जाएगा।यह रिकार्ड पटवारियों से लेकर सभी सरकारी दफ्तरों में राजस्व विभाग उपलब्ध कराएगा। इसके लिए मेनुअल नक्शे भी तैयार किए जाएंगे। सारा काम पूरा होने के बाद आम जनता के लिए उपल्बध करवाया जाएगा।
अकसर भौगोलिक रूप से नए जिले, तहसीलों व ब्लाकों के गठन से सीमाएं बदलती रहती हैं, इसमें यह तकनीक बेहद कारगर होगी। भू-नक्शों को साफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। इससे राजस्व सभी सीमाओं का परिर्वतन कंट्रोल और राजस्व विभाग के पास रहेगा। कम से कम समय व कम खर्च पर गांवों के विवाद मुद्दे सुलझाकर लोगों को राहत दी जा सकेगी। इससे जमीन के विवादों को जल्द सुलझाया जा पाएगा ।
सीएस अमिताभ जैन ने गुरुवार को मंत्रालय में प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना से छत्तीसगढ़ के गांवों के डिजीटल नक्शों के जियोरिफ्रेसिंग करने वाली स्टीयरिंग कमेटी की बैठक ली। इस कमेंटी के पास टजियोरिफ्रेसिंग कराने की जिमेंदारी है। बैठक में नक्शों के जियोरिफ्रेसिंग के लिए तकनीकी एजेंसी नियुक्त करने, वित्तीय व्यवस्था, अभिलेख संधारण सहित अन्य तकनीकी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में एसीएस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग रेणु जी. पिल्ले, ऊर्जा सचिव अंकित आनंद, राजस्व सचिव एनएन एक्का, नोडल अधिकारी गतिशक्ति योजना आर. संगीता, विशेष सचिव वित्त शीतल शाश्वत वर्मा और विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
इस बैठक के दौरान राज्स्व विभाग के सचिव ने कहा – काम थोड़ा बड़ा है, लेकिन इसे समय सीमा पर पूरा करने का प्रयास करेंगे। यह प्रोजेक्ट पूरा हो गया तो मोबाइल एप्प पर जमीनी रिकार्ड देखा जा सकेगा। राजस्व के कामों में बड़ी सहूलियतें हो जाएंगी और आम जनता को भी लाभ मिलेगा ।
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