बिलासपुर: बिलासपुर की एक छात्रा जूनियर साइंटिस्ट्स हिमांगी हलदार ने किचन की एक बड़ी समस्या का समाधान कर दिया है। महिलाए अकसर गैस फूल में कर दूध उबालने रखती है और भूल जाती है। इस समस्या का समाधान शहर की जूनियर साइंटिस्ट ने कर दिया है। जूनियर साइंटिस्ट ने (Anti Milk Spilling Utensil) एक ऐसा बर्तन बनाया है, जिससे दूध में कितना भी उबाल आए उबलने पर भी दूध बर्तन से बाहर नही गिरेगा।
इस वजह से हिमांगी ने बनाई बर्तन
कहते है ना “आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है” इस कहावत को बिलासपुर की रहने वाली 11 वी कक्षा की छात्रा हिमांगी हालदार ने सच कर दिखाया है। हिमांगी एक दिन अपने घर के किचन में दूध उबालने चली गई और किसी दूसरे काम मे लग गई तब तक उसका दूध उबालकर बर्तन से नीचे गिर गया तब हिमांगी को काफी बुरा लगा और वह इस समस्या को सभी महिलाओ की समस्या मानकर इसको खत्म करने के लिए कुछ ऐसा करना चाह रही थी कि इस समस्या से निपटा जा सके।
फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन नेहरू विज्ञान केंद्र मुंबई में हिमांगी को प्राप्त हुआ था प्रथम स्थान
हिमांगी ने फिर कुछ ऐसा करना शुरू किया जिसने महिलाओं की इस समस्या को खत्म कर दिया। हिमांगी ने एक ऐसा बर्तन तैयार किया है, जिसमें कितना भी दूध गर्म करो वह उबलने के बाद भी बाहर नहीं छलकेगा। गैस पर देर तक रखकर छोड़ देने के बाद भी दूध नीचे नहीं गिरेगा। इस खोज के लिए छात्रा को इंस्पायर मानक के राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल किया गया। दुर्ग में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जूनियर साइंटिस्ट हिमांगी ने उत्कृष्ठ प्रदर्शन कर राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए अपना स्थान सुनिश्चित किया। इसके पहले छात्रा का चयन फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन नेहरू विज्ञान केंद्र मुंबई के लिए हुआ है जो की 1 से 3 फरवरी को आयोजित किया गया था। यहां भी हिमांगी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था।
हिमांगी ने अपनी खोज को कराया पेटेंट
जूनियर साइंटिस्ट हिमांगी हालदार ने दूध से जुड़ी महिलाओं की समस्या का समाधान तो कर दिया है, और उसे पेटेंट भी करा लिया है यह बर्तन मुख्यत: दो बर्तनों से मिलकर बना है। ऊपर के बर्तन का क्षेत्रफल नीचे के बर्तन से ज्यादा है। जब दूध में उबाल आता है तो दोनों बर्तन के जोड़ वाला हिस्सा दवाब को कम करता है। बर्तन का क्षेत्रफल ज्यादा होने के कारण उबाल का दवाब पूरा ही कम हो जाता है। दूध उबालकर बर्तन से बाहर नहीं निकलता।
इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहती हैं जूनियर साइंटिस्ट हिमांगी
अब जूनियर साइंटिस्ट हिमांगी हालदार मानती हैं कि उसके इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाना है, लेकिन इसके लिए उन्हें कोलकाता के बर्तन फैक्ट्री में इस बर्तन का सांचा तैयार करवा कर एक पार्ट पर इस बर्तन को बनवाना है। हिमांगी अविष्कार के दौरान बर्तन को तीन हिस्से में बनाकर फिर उसे जोड़ा है।
हिमांगी के पिता निजी स्कूल में शिक्षक के तौर पर करते हैं नौकरी
जूनियर साइंटिस्ट हिमांगी हालदार के पिता निजी स्कूल में शिक्षक के तौर पर नौकरी करते हैं। उनकी आय इतनी नहीं है कि हिमांगी के अविष्कार के लिए वे कोलकाता की बर्तन फैक्ट्री में बर्तन का सांचा तैयार करवा कर इसे निर्मित करवाएं, इसलिए वे चाहते हैं कि हिमांगी के अविष्कार को लेकर राज्य या केंद्र सरकार या कोई दानदाता उनकी मदद करें ताकि वह इस अविष्कार को आम लोगों के घर तक पहुंचा सके।
पिता अभी अपने बेटी के अविष्कार को नहीं करना चाहते हैं कामर्सियलाइज
हालांकि उनसे कई बर्तन फैक्ट्री के लोगों ने संपर्क किया कि वे इसके अविष्कार को खरीद कर कामर्सियलाइज करना चाहते हैं लेकिन उनके पिता अभी अपने बेटी के अविष्कार को कामर्सियलाइज नहीं करना चाह रहे हैं, इसलिए वे दानदाताओं से उम्मीद करते हैं कि हिमांगी के इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में वे उनकी मदद करें।
अविष्कार को आइरिस फ़ेस्टिवल्स यूएसए में करेंगी प्रदर्शित
बहरहाल जूनियर साइंटिस्ट के इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट किया है। जूनियर साइंटिस्ट के इस अविष्कार को पिछले दिनों मुम्बई के नेहरू विज्ञान भवन में लगे वेस्टन इंडिया फेस्टिवल्स में प्रथम स्थान प्राप्त किया है अब वे इसे आइरिस फ़ेस्टिवल्स यूएसए में प्रदर्शित करेंगी।