दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शासन-प्रशासन के द्वारा एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। दुर्ग के शिवनाथ नदी में डूबी हुई कार का 60 घंटे के बाद सफलता से रेस्क्यू किया गया। इस जिले का यह सबसे बड़ा रेस्क्यू माना जा रहा है, क्योंकि करीब 60 घंटे तक उफनती नदी पर डूबी कार का बुधवार को रेस्क्यू किया गया। लगातार बदलती परिस्थितियों में जिला प्रशासन के हाथ कुछ नहीं लगा पाया था। दिन बीत रहे थे और प्रशासन की चिंता बढ़ रही थी। पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े होने शुरू हो रहे थे। क्योंकि घटना को 3 दिन बीतने के बाद भी नदी में डूबी कार का कोई पता नहीं चल पाया था।
मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया गया। नई तकनीकों का प्रयोग किया गया। करीब 2 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश की गई। अनुभवी गोताखोर बुलाए गए चुंबक का प्रयोग किया गया, लेकिन उसके बावजूद भी कार कहीं नजर नहीं आ रही थी। अंतिम रास्ते के रूप में स्थानीय गोताखोरों की मदद ली गई, उनके अनुभवों को समझते हुए बुधवार को नदी में विशाल महाजाल डाला गया। यह तकनीक कारगर साबित हुई। शिवनाथ नदी के पुराने पुल से करीब 200 मीटर की दूरी पर करीब 60 फीट की गहराई में कार दिखाई दी।
जानकारी मिलने पर प्रशासन ने बेहद राहत मिली, लेकिन चुनौती यह थी की कार को नदी के पुल तक खींचकर कैसे लाया जाए। यहां भी तकनीक के प्रयोग से किसी तरह से कार को खींच कर एसडीआरएफ ओर स्थानीय गोताखोरों ने कार को किनारे तक लेकर आए। डूबी कार रायपुर के रहने वाले निशांत भंसाली की थी। कार में युवक का शव भी मिला। 17 जुलाई को निशांत घर में चल रहे विवाद के कारण कार लेकर राजनांदगांव चला गया था और वापस आने के वक्त शिवनाथ नदी में यह हादसा हुआ था। पुलिस ने कार को नदी से बाहर निकलवाया और डीकंपोज शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
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