इंडिया न्यूज़, Bhopal News : जबलपुर की एक विशेष पोक्सो अदालत ने एक किशोर को 16 साल की बच्ची से दुष्कर्म के जुर्म में 10 साल की सजा सुनाई। फरवरी 2018 में जब अपराध किया गया था तब दोषी 18 साल से छह महीने छोटा था। 16 और 17 साल की उम्र के दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। मामले को पोक्सो अदालत में भेजा गया था क्योंकि यह किशोर अदालत के न्यायाधीश द्वारा जाँच के लिए उपयुक्त पाया गया था। चार्जशीट 2019 में दाखिल की गई थी।
दोषी और पीड़िता जबलपुर शहर के एक ही स्कूल में पढ़ते थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 5 फरवरी, 2018 को वह एक दोस्त को छोड़ करके घर लौट रही थी। जब वह और उसका एक दोस्त मोटरसाइकिल पर पहुंचे। सहपाठी ने कहा कि वह उससे कुछ बात करना चाहता था लेकिन उसने उसे नजरअंदाज कर दिया और आगे बढ़ गई। दो लड़कों ने उसे बाइक पर बैठने के लिए मजबूर किया और उसे सुनसान जगह पर ले गए।
जहां एक तीसरा आरोपी पहले से ही इंतजार कर रहा था। शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। अदालत में बयान के दौरान, हालांकि अन्य दो आरोपियों को नहीं पहचान सका। डीएनए टेस्ट में उसकी सहपाठी ने ही दुष्कर्म की पुष्टि की थी। सजा के लिए जबलपुर जेल में ही रहेगा दोषी अदालत ने अन्य दो को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। और तीसरे को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और उसे आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 367, 376 दुष्कर्म के तहत दोषी ठहराते हुए 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया। और पोक्सो एक्ट की धारा 6।
अदालत ने आदेश दिया कि पीड़िता को कानूनी सहायता प्राधिकरण के माध्यम से 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और कहा कि दोषी द्वारा भुगतान किया गया 2,000 रुपये का जुर्माना भी उसे दिया जाएगा। अदालत ने कहा कि चूंकि दोषी अब किशोर नहीं है और उसकी उम्र 21 साल है। इसलिए उसे रखने के लिए सुरक्षित जगह खोजने की जरूरत नहीं है। बाकी की सजा वह जबलपुर सेंट्रल जेल में ही रहेंगे।