इंडिया न्यूज़, :Bhopal Regional Science Centre: रीजनल साइंस सेंटर, भोपाल को नई ऊंचाईयों पर ले जाना है। इसमें ज्ञान का भंडार छिपा हुआ है, लेकिन अभी भी लोग इससे अछूते हैं। मेरी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को साइंस सेंटर में आने के लिए प्रेरित करूं।’
यह कहना है रीजनल साइंस सेंटर के क्यूरेटर ‘डी’ एवं नए प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर साकेत सिंह कौरव का। इन्होंने कुछ दिनों पहले ही यहां अपना पदभार ग्रहण किया है। इसके पहले में वे साइंस सेंटर, मुंबई में थे। उन्होंने अपनी भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देने की बात की गई है। साथ ही विद्यार्थियों को स्कूल से बाहर ले जाकर शिक्षा देने पर जोर दिया गया है। इस नीति के तहत स्कूल अपने विद्यार्थियों को साइंस सेंटर में लेकर आएं, इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
साकेत कौरव ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बच्चों के साथ ही उनके माता-पिता भी विज्ञान से जुड़ें। वे यह न सोचें कि हमारी सीखने की उम्र चली गई या हम दूसरे विषय को पढ़ने वाले हैं, तो इसे सीख कर क्या होगा। ऐसे लोगों को भी साइंस सेंटर में लाने के लिए हम तरह-तरह के आयोजन कर रहे हैं। जैसे वर्तमान में विश्व प्रसिद्ध भौतिकी विज्ञानी स्टीफन हॉकिन्स के जीवन पर प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा 20 जुलाई को क्विज होने वाला है। उसके लिए स्कूलों का लेटर भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण साइंस सेंटर लगभग दो साल बंद रहा। इस वजह से फुटफाल काफी गिर गया। अब स्कूल खुल गए हैं, तो हम विजिटर्स बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। हमने सारी पांच गैलरियां खोल दी है। तारामंडल भी खुल गया है, जिसे सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।
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