इंडिया न्यूज़, Khajuraho Temple: मध्य प्रदेश हमेशा से ही अपने पर्यटन स्थलों को लेकर प्रसिद्ध रहा है। इनमें से खजुराहो के प्राचीन मंदिर आज विश्व धरोहर हैं। इस मंदिर की खूबसूरती के चर्चे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं । विदेशों से हर साल लाखों पर्यटक यहां की खूबसूरती के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर शिल्पकारों ने अपनी कला की मनमोहक कृतियाँ घड़ी हैं । पर्यटकों को मूर्तिशिल्प कामक्रिया के विभिन्न आसनअपनी ओर आकर्षित करते हैं। भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की नायाब झलक देखने को मिलती है।आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे आइए जानते हैं :-
खजुराहो का मंदिर मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। खजुराहो शहर का नाम पहले खजिरवाहिला था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर खजुराहो रख दिया गया क्योंकि यहां खजूर के पेड़ों का एक विशाल बगीचा था। खजुराहो के मंदिरोंका निर्माण 950 ई. से 1050 ई. के बीच करवाया गया था। यहां के सभी मंदिरों की दीवारों पर कामसूत्र में वर्णित अष्ट मैथुन का सजीव चित्रण देखते ही बनता है।
खजुराहो की मूर्तियोंका निर्माण इतनी कुशलता से किया गया है कि इसे देखने के बाद मन में किसी भी प्रकार का बुरा ख्याल नहीं आता बल्कि सभी का मन इनकी खूबसूरती में रम जाता है। ये मूर्तियां हमारी प्राचीन सभ्यता को बेहद शालीनता से दर्शाती हैं। हालांकि इन मंदरों का ठीक से रखरखाव ना करने के कारण समय के साथ-साथ ये मूर्तियां नष्ट होती जा रही हैं, और तो और लगातार इन मूर्तियों की चोरियाँ भी बढ़ती जा रही है।
इतिहासकारों ने खजुराहो की कामुक मूर्तियों को बनाने की अलग-अलग वजह बताई हैं, जो इस प्रकार हैं-
कुछ विश्लेषक यह मानते हैं कि प्राचीन काल में राजा-महाराजा काफी उत्तेजित रहते थे व भोग-विलासिता में अधिक लिप्त रहते थे। इसी कारण खजुराहो में कामुक मूर्तियां बनवाई गई हैं।
कुछ समुदाय के विश्लेषक कहते हैं कि खजुराहो की मूर्तियों का निर्माण प्राचीन काल में संभोग शिक्षा देने के लिए करवाया गया था। उन दिनों ऐसा माना जाता था कि इन अद्भुत आकृतियों को देखकर लोगों को संभोग की सही शिक्षा मिलेगी और जन-जन तक यह शिक्षा पहुँचाने के लिए ही इन्हें मंदिर में बनवाया गया क्योंकि प्राचीन काल में मंदिर ही एक ऐसा स्थान था, जहां लगभग सभी लोग जाते थे।
कुछ विश्लेषक बताते हैं कि मोक्ष के लिए हर इंसान को चार रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है- धर्म, अर्थ, योग और काम। काम को ध्यान में रखकर ही इन नग्न मूर्तियों का निर्माण करवाया गया क्योंकि इसके बाद सिर्फ भगवान की शरण ही मिलती है। इसी कारण इसे देखने के बाद भगवान के शरण में जाने की कल्पना की गई।
कुछ लोग यह भी कहते हैं कि इन मंदिरों को बनवाने के पीछे का कारण हिंदू धर्म की रक्षा है। इन लोगों के अनुसार जब खजुराहो के मंदिरों का निर्माण हुआ, तब बौद्ध धर्म काफी तेजी से बढ़ रहा था।
चंदेल शासकों ने हिंदू धर्म के अस्तित्व को बचाने के लिए इन मंदिरों का निर्माण करवाया। उनके अनुसार प्राचीन समय में ऐसा माना जाता था कि कामुकता हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसीलिए यदि मंदिर के बाहर नग्न एवं संभोग की मुद्रा में मूर्तियां बनवाई जाएं, तो लोग इन्हें देखने मंदिर अवश्य आएंगे और फिर अंदर भगवान के दर्शन करने भी जाएंगे। इससे हिंदू धर्म को बढ़ावा मिलेगा।
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