इंडिया न्यूज़, Ashadh Month 2022: साल 2003 में रविवार के दिन ऐसा संयोग बना था जब आषाढ़ मास और सूर्य का राशि परिवर्तन एक साथ हुआ था। अब 19 साल बाद फिर से मिथुन संक्रांति पर्व के साथ आषाढ़ माह शुरु हो चुका है। धार्मिक दृष्टि से आषाढ़ मास का विशेष महत्व माना गया है। आषाढ़ मास में सूर्यदेव के साथ ही भगवान शिव की पूजा का भी विधान है। इनके अलावा भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा भी इसी महीने में की जाती है। साथ ही इसी महीने से वर्षा ऋतु का प्रारंभ माना जाता है। और चातुर्मास भी शुरू होते हैं। कुछ ऐसी खास बातें हैं जो आपको आषाढ़ के महीने में ध्यान में रखना चाहिए।
स्कंद पुराण के अनुसार आषाढ़ महीने में एकभुक्त व्रत रखना चाहिए। यानी कि सिर्फ एक वक्त ही भोजन करना चाहिए। ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इस दौरान वर्षा ऋतु आरंभ हो जाती है जिसके कारण पाचन शक्ति कम हो जाती है। अधिक भोजन करने से पेट से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ माह में संत और ब्राह्मणों को खड़ाऊ, छाता, नमक तथा आंवले दान करने चाहिए। यह दान करने से भगवान वामन प्रसन्न होते हैं। ये भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इस महीने इनकी विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए।
आषाढ़ माह में सूर्यदेव की पूजा का भी विधान है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ है उन्हें इस महीने लाल कपड़े में गेहूं, लाल चंदन, गुड़ और तांबे के बर्तन का दान ब्राह्मण को करना चाहिए। इससे सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं। इस महीने के प्रत्येक रविवार को भोजन में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए।
आषाढ़ महीने में ज्यादा मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए और ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। साथ ही तामसिक चीजों जैसे मांसाहार और तरह-तरह के नशे से भी दूर रहना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
आषाढ़ के महीने में रोज सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथो में बताया गया है। इस महीने में सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ध्यान और नियमित दिनचर्या के माध्यम से खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है।
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