इंडिया न्यूज़, ग्वालियर।
Madhya Pardesh Vyapam Case ग्वालियर (Gwalior)की सीबीआई अदालत(CBI court) के विशेष न्यायाधीश ने व्यापमं मामले (Vyapam case in madhya pardesh)के छह दोषियों को पांच साल की सजा सुनाई है। यही नहीं दोषियों को 3700 रुपए अदा करने का भी फरमान सुनाया है। बता दें कि मामला 2010 का है जब मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित प्री-मेडिकल परीक्षा-2010 (PMT-2010) में आयोजित कराई गई थी। तब परवेज आलम और प्रदीप उपाध्याय ने राजेश बघेल और अवधेश कुमार के स्थान पर परिक्षा देते हुए पर्यवेक्षकों ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया था।
Read More: Horrific Accident in UP’s Kannauj यात्री बस की ट्रक से भिड़ंत में 40 सवारियां घायल
बताते चलें कि उस समय मध्य प्रदेश का व्यापमं घोटाला देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ था। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई और साल 2015 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(cbi) केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इस केस में अभ्यार्थी अवधेश कुमार, राजेश बघेल समेत इनके स्थान पर परीक्षा दे रहे प्रदीप उपाध्याय और परवेज आलम के अलावा बिचौलिए वेद रतन सिंह व हरि नारायण सिंह जांच में दोषी पाए गए। बता दें कि परवेज आलम को सीबीआई ने 2017 में गिरफ्तार किया था।
Read More: Accident in Madhya Pradesh बस पलटने से 35 सवारियां घायल कई की हालत गंभीर
अभ्यर्थियों ने पीएमटी-2010 की परीक्षा के लिए हरि नारायण के जरिए ही ऑनलाइन तरीके से आवेदन किया था। बिचौलिए हरि नारायण ने ही टेस्ट एडमिट कार्ड (टीएसी) की डिलीवरी के लिए एक साधारण पता अंकित किया था। वहीं पर्यवेक्षकों द्वारा पकड़े जाने के बाद जांच एजेंसी ने दोनों नटवरलालों की लिखावट, नमूना हस्ताक्षर, अंगूठे के निशान लेकर मिलान किया तो एडमिट कार्ड से जुदा पाया था। सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद 2017 में दोषियों पर आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। अब सभी छह आरोपियों को निचली अदालत ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
Read More:44 Criminals Lodged in MP Jails जिनकी सांसे चल रही हैं सिर्फ अपीलों पर