India News CG (इंडिया न्यूज़),Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदर्शन करने का रुख अख्तियार किया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर पार्टी 22 अगस्त को रायपुर ईडी कार्यालय का घेराव करेगी। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने प्रदर्शन करने का रुख अख्तियार किया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के आदेश पर पार्टी 22 अगस्त को रायपुर ईडी कार्यालय का घेराव करेगी। ईडी कार्यालय के सामने प्रदर्शन करेगी। वहीं भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध 24 अगस्त को राज्य के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करेगी जायेगा।
सेबी अध्यक्ष को पद से हटाने और इसकी जांच जेपीसी से करवाने की मांग को लेकर कांग्रेस 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इसमें पार्टी के सभी नेताओं, विधायकों, पूर्व विधायकों, पार्टी के सभी पदाधिकारियों, विभागों के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, नगर निगम के सभी पार्षदों से शामिल होने के लिए कहा गया है। दूसरी तरफ भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के विरोध 24 अगस्त को सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन करेगी।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक देवेंद्र यादव से मिलना चाहते थे। उन्हें यह भी नहीं पता कि उन्होंने क्या अपराध किया है और उन पर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं? यह विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। हम विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को अदालत में चुनौती देंगे। 22 अगस्त को सभी कांग्रेस विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और 23 अगस्त को हम राज्यपाल से समय मांगने की कोशिश कर रहे हैं। 24 अगस्त को कांग्रेस गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।
वही छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र की गिरफ्तारी एक राजनीतिक षड्यंत्र है। बलौदाबाजार की घटना ने पूरे देश में लोगों के मन में बीजेपी सरकार की कानून व्यवस्था को ले कर सवाल खड़े किये हैं। प्रशासन घटना की निष्पक्ष जांच कराने में पूरी तरीके से असमर्थ रही है। जनता के सवालों के दबाव में आकर इस विफलता को छिपाने के लिए कांग्रेस के दो बार के युवा विधायक और भिलाई नगर के पूर्व महापौर, देवेंद्र यादव को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस अपनी जांच में अभी तक यह नहीं साफ कर पाई है की जो बीजेपी नेता घटना स्थल पर मौजूद थे और हिंसा भड़काने का काम कर रहे थे, उन्हें क्यों बचाया जा रहा है। घटना स्थल पर खराब कानून व्यवस्था के लिए किसी भी वरिष्ठ अधिकारी व मंत्री को अभी तक जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। यह छत्तीसगढ़ की जनता को पता है की अगर सतनामी समाज को ठेस पहुंचाने वाले कारनामों की उचित समय पर जांच की जाती और आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार कर किया गया होता, तो बलौदाबाजार जैसी घटना घटने की परिस्थितियां ही नहीं पैदा होती।
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