India News CG (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh News: शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत नामांकित छात्रों की बढ़ती ड्रॉपआउट दर को संबोधित करने के लिए, छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग ने एक पहल शुरू की है, जो इस समस्या को हल करने के लिए बच्चों के पैरंट्स और स्कूलों के साथ बात करेगा।
स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ परदेशी ने अपने आदेशों में जिला कलेक्टरों को निजी स्कूलों में आरटीई के कामों की बारीकी से निगरानी करने का निर्देश दिया है। इस बात पर जोर दिया गया कि कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए निजी स्कूल प्रबंधन के साथ बैठकें करनी चाहिए। निर्देश में उच्च शुल्क या महंगी किताबों के कारण छात्रों के ड्रॉपआउट के लिए जिम्मेदार स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल था। इफेक्टीव इंप्लीमेंटेशन सुनिश्चित करने के लिए, शिक्षा विभाग ने कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त और नगर निगम अधिकारी की नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है।
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आदेश में आगे कहा गया कि मेंटर सलाहकार होंगे और स्कूल के साथ समन्वय कर समस्याओं का समाधान करेंगे, बच्चों से लगातार संपर्क बनाए रखेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें किसी भी मानसिक समस्या का सामना न करना पड़े। मेंटर ड्रॉप-आउट बच्चों की निगरानी करेंगे और स्कूल छोड़ने के कारणों का पता लगाएंगे।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, एकेडमिक सेशन 2020-21 से 2022-23 तक, पिछले तीन वर्षों में आर्थिक समस्या या मानसिक समस्याओं के कारण कुल 53,304 छात्र विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ चुके हैं। वर्ष 2020-21 में कुल 10,427, 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में कुल 18,399 छात्र और वर्ष 2022-23 में कुल 24,478 छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं।
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