India News Chhattisgarh (इंडिया न्यूज), Blood Pressure: गर्मियों में ब्लड प्रेशर कम होने के कई कारण होते हैं, जिनमें डिहाइड्रेशन और नमक की कमी मुख्य हैं। अत्यधिक पसीना आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर लो हो सकता है।
मौसम का सेहत पर प्रभाव
गर्मी का मौसम सेहत पर गहरा असर डालता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, बदलते मौसम के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। गर्मियों में विशेष रूप से बीपी के मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
बीपी पर गर्मी का प्रभाव
इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और कई जगहों पर तापमान 45 डिग्री के आसपास है। इसका सबसे अधिक असर बीपी के मरीजों पर पड़ता है। सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ता है क्योंकि ठंड में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जबकि गर्मियों में उच्च तापमान के कारण खून की धमनियां फैल जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।
ब्लड प्रेशर कम होने के कारण
गर्मी में ब्लड प्रेशर लो होने के कई कारण होते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि डिहाइड्रेशन और नमक की कमी भी इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। गर्मियों में ज्यादा पसीना आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, पसीने के साथ नमक भी शरीर से निकल जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर में कमी आ सकती है क्योंकि नमक में बीपी मेंटेन रखने वाला सोडियम होता है।
ब्लड प्रेशर का सामान्य स्तर (Blood Pressure)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक वयस्क का सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg होना चाहिए। सिस्टोलिक प्रेशर 120 या इससे कम और डायस्टोलिक प्रेशर 80 या इससे कम सामान्य माना जाता है। सिस्टोलिक प्रेशर 130-139 mm Hg और डायस्टोलिक प्रेशर 80-89 mm Hg होने पर इसे स्टेज 1 हाइपरटेंशन माना जाता है। सिस्टोलिक प्रेशर 140 mm Hg और डायस्टोलिक प्रेशर 90 mm Hg या इससे ज्यादा होने पर इसे स्टेज 2 हाइपरटेंशन और अधिक ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंसिव क्राइसिस कहा जाता है।
बचाव के उपाय
बीपी के मरीजों को गर्मियों में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। नियमित रूप से बीपी की मॉनिटरिंग करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। नमक का सेवन संतुलित रखें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें।
गर्मियों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना एक चुनौती हो सकता है, लेकिन सही देखभाल और सावधानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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