इंडिया न्यूज़, ग्वालियर :
Verdict in MP Vyapam Scam मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले (In Madhya Pradesh’s famous Vyapam scam) में आज विशेष सत्र जज सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस सिपाही भर्ती घोटाले के दोनों आरोपियों सतीश सिंह और प्रशांत चौधरी को आखिरकार 9 साल बाद पांच-पांच साल की सजा सुना(After 9 years, the sentence of five years) दी है। इस दौरान जस्टिस श्रीवास्तव ने दोनों पर 3600-3600 रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। जो न जमा करने की सूरत में सजा में बढ़ोतरी कर दी जाएगी। अब दोनों को जेल भेज दिया गया है।
कैसे हुआ था घोटाला
मध्य प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एक व्यक्ति ने दूसरे की जगह पेपर दिया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश के सतीश सिंह की जगह बुलंदशहर के प्रशांत चौधरी ने ने परीक्षा दी थी। जब एग्जाम का नतीजा आया तो उसमें सतीश का सिपाही के पद पर चयन हो गया। सतीश के नौकरी जॉइन करने से पहले ही इंदौर पुलिस को किसी ने शिकायत कर दी। इसके बाद मामला देशभर में मध्य प्रदेश सरकार के लिए गले की फांस बन गया था। जिसमें अब जाकर फैसला आया है।
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बता दें कि मध्य प्रदेश में व्यापमं ने वर्ष 2013 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती की परीक्षा आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में यूपी के गांव इतौली, थाना राया मथुरा वासी सतीश सिंह ने भाग लेने के लिए आवेदन किया था। लेकिन परीक्षा के दिन सतीश की जगह पर प्रशांत ने पेपर दिया था। जब मामले उजागर हुआ तो केस सीबीआई को सौंप दिया गया। जांच एजेंसी ने सतीश से पूछताछ की और उसके बाद सॉल्वर प्रशांत को धर लिया गया। अंगूठे और लिखावट की जांच कराई गई तो प्रशांत निकली। इसके बाद से आज तक चले आ रहे व्यापमं केस में दोनों आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
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