India News CG (इंडिया न्यूज), CG News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के चर्चित जग्गी हत्याकांड में आरोपियों की सजा बरकरार रखी है। बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के सभी आरोपियों की अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर दी और उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने अहम फैसले में NCP नेता रामअवतार जग्गी हत्याकांड के 27 आरोपियों की अपील खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद वर्मा की खंडपीठ ने उनकी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है।
फैसला सुरक्षित रखा
लगातार बहस के बाद पिछली सुनवाई में आरोपियों की ओर से दलीलें पेश की गईं। तीसरे दिन CBI के वकील ने दलीलें पेश कीं। इसके साथ ही आरोपियों की ओर से वकीलों ने भी CBI की कार्रवाई पर जिरह की। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सभी को अपनी दलीलें लिखित तौर पर पेश करने को कहा और फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले में अमित जोगी को बरी किये जाने के खिलाफ सतीश जग्गी ने अलग से याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट में SLP लंबित होने के कारण छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई रुकी हुई है। हाईकोर्ट ने उक्त मामले को छोड़कर आरोपियों की अपील पर सुनवाई शुरू कर दी है।
जानिए क्या था मामला
छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कार्यकाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता रामअवतार जग्गी की 4 जून 2003 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस दौरान हुई इस हत्या से पूरा राज्य हिल गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान हुए इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस की जांच CBI को सौंपी गई थी। इस मामले में कुल 31 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें से 2 बलटू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बने। इस मामले में पूर्व सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर 28 लोगों को सजा सुनाई गई थी। सभी आरोपियों ने हाई कोर्ट में अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। दोषियों की अपील खारिज होने के बाद रामवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमारे परिवार वाले शुरू से कहते रहे कि यह राजनीतिक साजिश है।