India News(इंडिया न्यूज़), Shardiya Navratri 2023: देश में माता के कई अनोखे मंदिर हैं, जिनका इतिहास आपको हैरान कर देगा। नवरात्रि का पर्व बहुत नजदीक है, इसलिए अधिकतर लोग नवरात्रों में जगह-जगह माता के दर्शन के लिए अवश्य जाते है। आज आपको एक ऐसे मंदिर का इतिहास बताएंगे जहां माता रानी को प्रसाद में फल – फूल के बजाय पत्थर चढ़ाते है। शायद यह सुनकर आपको काफी अजीब लगे।
आज एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारें में बताते है। इस अनोखे मंदिर का नाम वनदेवी मंदिर है। ये मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में है। इस माता के मंदिर में मां के दर्शन करने वाले श्रद्धालु उन्हें फूल नही पत्थर चढ़ाते हैं। इस मंदिर में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और देश के कोने-कोने से यहां आने वाले श्रद्धालु भी इस परंपरा का निर्वहन करते हैं। इस मंदिर में मां के चरणों में एक विशेष पत्थर को चढ़ाया जाता है। आपने अक्सर देखा होगा कि माता के मंदिर में श्रद्धालु आमतौर पर फूल-पत्ती और फल, माला आदि चढ़ाते हैं और साथ में चुनरी व श्रृंगार भी मां को चढ़ाते हैं, लेकिन इस मंदिर में मां को यह विशेष पत्थर चढ़ाया जाता है।
बिलासपुर में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस मंदिर का इतिहास 100 साल पूराना है। कोई नहीं जानता कि आखिर माता की यह मूर्ति कहां से आईं। माना जाता है कि पहले यहां जंगल था लेकिन जब गांव का निर्माण हुआ, तो लोगों ने पेड़ के नीचे रखी प्रतिमा के पास ही छोटा सा मंदिर का निर्माण कर दिया।
15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। नवरात्रि के नौ दिन श्रद्धालु मां के अलग-अलग रूपों की विधिवत पूजा करते हैं। इसके साथ ही नवरात्रि में श्रद्धालु परिवार सहित मां दुर्गा के शक्तिपीठों के भी दर्शन करते हैं। नवरात्रों में मां के मंदिरों के दर्शन करना शुभ माना जाता है और मान्यता है कि इस दौरान मां से मांगी गई मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। बस यही वजह है कि नवरात्रि के दौरान इस अनोखे मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है।
Also Read:CG News: पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी! भारी मात्रा में पकड़ा अवैध शराब…
CG News: बिलासपुर तारामंडल में करें अंतरिक्ष की सैर, मात्र 50 रूपये में