India News (इंडिया न्यूज़), CG News, रायपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि 18 पीएससी-चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति, जो राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) के शीर्ष अधिकारियों, अन्य नौकरशाहों, राजनेताओं और व्यापारियों के करीबी रिश्तेदार हैं, कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन होंगी।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति एनके चंद्रवंशी की खंडपीठ ने भाजपा के दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया है।
याचिका में उम्मीदवारों के चयन की उच्च स्तरीय जांच यानी सीबीआई से कराने की मांग की गई है। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि कुछ उम्मीदवारों के नियुक्ति आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं और यह याचिका के अंतिम नतीजे के अधीन होगा।
मौजूदा विधायक, 80 वर्षीय याचिकाकर्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार और पक्षपात के कारण, राज्य पीएससी अध्यक्ष, पीएससी सचिव, अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों, राजनेताओं और प्रमुख व्यापारियों के रिश्तेदारों को अंतिम चयन सूची में शामिल किया गया।
इन 18 उम्मीदवारों की सूची संलग्न करते हुए और शक्तिशाली व्यक्तियों के साथ उनके संबंधों का उल्लेख करते हुए, याचिकाकर्ता ने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
याचिका में आईएएस, सीजीपीएससी अध्यक्ष और अन्य शीर्ष नौकरशाहों के नाम शामिल हैं जिनके करीबी रिश्तेदारों को शीर्ष सरकारी नौकरियों के लिए चुना गया है। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट ने इस याचिका पर जवाब मांगा है।
पीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताएं और चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद तब सामने आया जब युवाओं के एक समूह ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर इस साल जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा रोड पर नग्न विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले, भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने इस मुद्दे पर रायपुर में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था।
Also Read: