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CG News: CGPSC परीक्षा की चयन प्रक्रिया में भाजपा विधायक ने लगाया भाई-भतीजावाद का आरोप, हाई कोर्ट में दायर की याचिका

• LAST UPDATED : September 20, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), CG News, रायपुर: पूर्व गृह मंत्री और मौजूदा विधायक ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) परीक्षा 2021 में बैठने वाले उम्मीदवारों के चयन में भाई-भतीजावाद (nepotism) का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिका में टॉप नौकरशाहों के नाम शामिल

याचिका में आईएएस, सीजीपीएससी अध्यक्ष और अन्य शीर्ष नौकरशाहों के नाम शामिल हैं जिनके करीबी रिश्तेदारों को शीर्ष सरकारी नौकरियों के लिए चुना गया है। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट ने इस याचिका पर जवाब मांगा है।

कब उजागर हुआ मामला

पीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताएं और चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद तब सामने आया जब युवाओं के एक समूह ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर इस साल जुलाई में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा रोड पर नग्न विरोध प्रदर्शन किया।

इससे पहले, भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने इस मुद्दे पर रायपुर में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था।

2021 में आए थे सीजीपीएससी के परिणाम

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) ने मार्च में 2021 परीक्षा के परिणाम घोषित किए, जिससे भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची में भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए विवाद खड़ा कर दिया।

सीजीपीएससी ने आरोपों को किया खारिज

भाजपा ने आरोप लगाया कि शीर्ष पीएससी अधिकारियों के करीबी रिश्तेदारों, साथ ही आईएएस अधिकारियों के बेटे और बेटियों ने डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित लोगों की सूची में जगह बनाई। हालांकि, सीजीपीएससी ने बीजेपी के आरोपों को खारिज कर दिया.

भाजपा ने की सीबीआई से जांच की मांग

बीजेपी ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। भाजपा के प्रदेश महासचिव ओपी चौधरी ने कहा कि हाल ही में इस परीक्षा के नतीजे घोषित किये गये, जिसमें कई निराशाजनक तथ्य सामने आए हैं।

ओपी चोधरी ने कहा कि परीक्षा में 8 अंकों का एक प्रश्न था, जिसमें 1857 की क्रांति में वीर हनुमान सिंह के योगदान का वर्णन करने को कहा गया था। एक प्रत्याशी ने हनुमान सिंह की जगह वीर नारायण सिंह लिख दिया।

भले ही दोनों शहीदों का योगदान अमूल्य है, लेकिन जिन अभ्यर्थियों ने वीर नारायण सिंह के बारे में गलत उत्तर दिया, उन्हें 5 अंक दिए गए, जबकि वीर हनुमान सिंह के बारे में लिखने वाले अभ्यर्थी को केवल चार अंक दिए गए।

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