India News (इंडिया न्यूज़), CG POLITICS, रायपुर: लोक सभा में 12 प्रमुख आदिवासी समुदायों के अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने वाले विधेयक के राज्यसभा से पारित होने के बाद इस इस कामयाबी का श्रेय लूटने की होड़ मच गई है।
एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी इसे भूपेश बघेल सरकार की कामयाबी बता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पीएम मोदी को इसका क्रेडिट दे रही है।
दरअसल 12 जनजाति समुदाय, वर्तनी में गलती के कारण अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल नहीं हो पाए थे जिसकी वजह से इन वर्तनी की गलती को सुधारने और इन 12 जनजाति समुदाय को शामिल कर उन्हें अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का लाभ और संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए ये विधेयक लाया गया था जो लोक सभा और राज्य सभा दोनो सदनों से पारित हो चुका है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा की “हमारे प्रयास सफल हुए, विगत दिनों हमनें प्रधानमंत्री श्री प्रधानमंत्री मोदी जी को पत्र लिखकर मात्रात्मक त्रुटि के कारण दशकों से अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित आदिवासी समाज के 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का आग्रह किया था. जिसके पश्चात लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी यह विधेयक पारित हो गया है और अब वे सभी 12 जातियां अपने अधिकारों को प्राप्त कर विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगी.इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार.”
सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने 12 प्रमुख आदिवासी समुदायों के अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल होने का क्रेडिट भूपेश बघेल सरकार को से रही है।
कांग्रेस मंत्री बैज ने रमन सिंह पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया की “15वर्षो तक रमन सिंह की सरकार ने 12 जाति समूह के लोगो को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा था. कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार के प्रयासों से उन्होंने जो अनुशंसा केंद्र को भेजी उसके कारण ही अंततः 12 जाति समूहों के लोगो को अनुसूचित वर्ग मे शामिल होने का विधेयक राज्यसभा मे पारित हो गया.”
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