India News (इंडिया न्यूज़), Patwari Strike in Chhattisgarh, रायपुर: छत्तीसगढ़ में पटवारियों की हड़ताल पिछले 27 दिनों से जारी है। इनके हड़ताल से आम जनता के काम प्रभावित हो रहे हैं। न तो पटवारी संघ अपना आंदोलन खत्म कर रही है और न ही सरकार की ओर से कोई पहल की जा रही है। पटवारी पूरे प्रदेश में हड़ताल कर रहे है।
सरकार हड़ताल को खत्म करवाने के लिए एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (ESMA) लगाई थी लेकिन उसके बावजूद चार दिन बीत चुके हैं और स्थिति जस की तस बनी हुई है। अब सरकार ने इन पटवारियों को अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर वो कल यानी सोमवार तक काम पर नहीं लौटते तो उनकी गिरफ्तारी शुरू होगी।
ESMA (एस्मा) का पूरा नाम एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट होता है जिसे सरकार हड़ताल को रोकने के लिये लगाती है। एस्मा से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचना दी जाती है।
आपको बता दें कि सरकार अधिकतम 6 महीने के लिए एस्मा लगा सकती है। इस एक्ट के लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दण्डनीय है।
राजधानी रायपुर में आंदोलन कर रहे पटवारियों पर प्रशासन अब सख्त होना शुरू हो गया है। शहर के माना-तूता इलाके में प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पंडाल हटाने की चेतावनी दी गई है।
यहां के एसडीएम ने कहा कि हड़ताल कर रहे सभी पटवारी 24 घंटे के भीतर काम पर लौटे। रायपुर के अलावा दुर्ग जिले में चल रहे पटवारियों के अंदोलन में एफआईआर दर्ज होने की भी बातें सामने आ रही है।
छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ के प्रांताध्यक्ष भागवत कश्यप ने कहा कि प्रशासन की ओर से जब तक चर्चा के लिए बुलाया नहीं जाएगा हम मिलने नहीं जाएंगे और आंदोलन भी जारी रहेगा।
कश्यप ने कहा कि प्रशासन को जो करना है कर ले, जितनी सख्ती दिखानी है दिखाए वो स्वतंत्र है लेकिन हम आंदोलन नहीं खत्म करेंगे और ही झुकेंगे। हमें हमारे मांग के लिए सविए आश्वासन के कुछ भी नहीं मिल रहा।
रायपुर राजस्व विभाग के सचिव एनएन एक्का ने कहा जिले के सभी कलेक्टरों को पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। एक्का ने कहा कि कुछ पटवारी एस्मा लगने के बाद वापस लौट रहे हैं।
पटवारियों अपने 8 मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी मांग है: