कोरबा: ग्रामीण इलाके में कुछ लोगों ने आदिवासी बालक की पिटाई कर उसे मौत के घाट उतार दिया। मारपीट से घायल बालक को कोरबा से रायपुर रेफर करने पर भी उसे नहीं बचाया जा सका। परिजनों ने घटना के जिम्मेदार दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है। वहीं परिजनों ने बताया कि वह रिपोर्ट लिखाने रामपुर सिविल लाइन थाने गए थे लेकिन थाने में शिकायत नहीं लिखी गई।
अपने कमरे में खुन से लथफथ मिला 16 वर्षीय मृतक
बता दे यह घटना सिविल लाइन थाना रामपुर के नकटीखार गांव की है। अवधराम मंझवार के एकलौते पुत्र 16 वर्षीय बीरेंद्र कुमार के साथ होली के दिन मारपीट की घटना हुई थी। अवधराम ने बताया कि 16 वर्षीय उसका पुत्र बीरेंद्र मंझवार गांव में ही रहने वाले अपने दोस्त के साथ 9 तारीख की शाम बाइक से किसी कार्यक्रम में गया हुआ था। किस काम से गया हुआ था इस बात की जानकारी उसे भी नहीं है। वह रात लगभग 11 बजे घर पहुंचा और वो अपने कमरे में सो गया। सुबह जब वो काफी समय बीत जाने के बाद भी नहीं उठा तो उसके कमरे में जाकर देखा तो चेहरा खून से लथपथ था और वह बेसुध पड़ा हुआ था।
गुप्तांग और चेहरे पर थे गहरे चोंट के निशान
जब कंबल उठाकर देखा गया तो पूरा शरीर खून से लथपथ था। गुप्तांग और चेहरे पर गहरे चोंट के निशान थे। मारपीट करने वालो ने बेरहमी से मारपीट की थी। परिजनों ने उसकी हालत देख उसे तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत बिगड़ने पर रायपुर रेफर कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
अब तक नहीं की गई है शिकायत दर्ज
मृतक के पिता अवधराम ने बताया कि उसे जानकारी मिली है कि उसका बेटा दोस्त के साथ जब केराकछार गया हुआ था तो वहां गांव में रहने वाले लड़कों ने बेहरहमी से पीटा है। वहीं उसका दोस्त किसी तरह जान बचाकर भागा। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने मामले की रिपोर्ट रामपुर सिविल लाइन थाना में लिखवाने का प्रयास किया, लेकिन उन लोगों को करतला भेज दिया गया। अब तक कही शिकायत दर्ज नहीं की गई है। इस मामले में करतला थाना में पदस्थ एएसआई अनिल खाण्डे ने बताया कि शिकायत नहीं मिली है।