इंडिया न्यूज़, Bilaspur News: प्रदेश में सरकार ने करीब 10 कॉलेजों को हिंदी मीडियम से इंग्लिश मीडियम में बदलने का निर्णय लिया है। इसमें बिलासपुर के भी एक कॉलेज का नाम है। इस कॉलेज में एडमिशन के लिए पुरे प्रदेश से विद्यार्थी आवेदन करते है। जिसके चलते अब दाखिले होते ही इस कॉलेज को हिंदी मीडियम से इंग्लिश मीडियम किया जा रहा है (Making Science College English medium) जिसके चलते विद्यार्थी इसका विरोध कर रहे है।
विद्यार्थियों ने कहा कि हम प्रथम कक्षा से लेकर अब तक हिन्दी मीडियम में ही शिक्षा ग्रहण करते आए है, लेकिन अब कॉलेज में एडमिशन होने के उपरांत कहा जा रहा है कि अंग्रेजी माध्यम में पढाई होगी। ऐसे एकदम से हिंदी माध्यम से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ना तो उनके लिए बहुत मुश्किल होगा। जिसके चलते विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का विरोध कर रहे है। कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि इस बारे में सारी जानकरी एवं सहमती छात्रों औऱ अध्यापकों से मांगी गई है, वह शासन दो दें दी गई है अब तो सरकार के निर्देश का इंतज़ार है।
(Making Science College English medium) प्राचार्य SR कमलेश ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश अनुसार अंग्रेजी मध्य में पढाई शुरू करवाई गई है। जिन विद्यार्थियों का दाखिला इस वर्ष हुआ है, उन्हें अब अंग्रेजी में ही पढ़या जाएगा औऱ अंग्रेजी में ही पेपर लिया जाएगा।
प्राचार्य ने कहा कि जो छात्र अंग्रेजी में नहीं पढ़ना चाहते वह सहमती पत्र दें सकते है जिसे उनका दाखिला किसी दूसरे कॉलेज में करवा दिया जाएगा। बता दें कि इस वर्ष कॉलेज में करीब 775 सीटें थी, जो सभी फुल हो चुकी है। जिसके उपरांत यह फैसला आया है। जिसके चलते विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। विद्यार्थियों ने यह सोचकर यहां एडमिशन लिया था कि यहां अच्छी पढाई होती है, लेकिन अब जो छात्र हिन्दी में नहीं पड़ना चाहते उन्हें कॉलेज छोड़ने का विकल्प दिया जा रहा है। लेकिन विद्यार्थी कॉलेज छोड़ने को तैयार नहीं है।
Making Science College English medium
कॉलेज के स्टूडेंट लीडर अंकित राज लहरे ने बताया कि सितंबर की शुरुआत से ही इस बात का विरोध किया जा रहा है। जिसके चलते हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया है। अगर उनकी मांग पूरी न हुई तो चक्का जाम करके कॉलेज बंद किया जा सकता है।
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