इंडिया न्यूज़ Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले करीब 25 दिन से वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है (strike continues for 25 days)। कर्मचारियों ने मांग रखी है कि इन्हें नियमित किया जाए। हालांकि इसी माह में जो कर्मचारी नियमित हुए है (Forest department’s daily wage workers’ strike) उन्हें महंगाई भत्ता भी दिया जा रहा है। लेकिन जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी है उनकी मांग पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। जिसके चलते कर्मचारियों ने अपनी कमीज उतारकर कल 15 सितंबर को सड़क पर धरना दिया।
बूढ़ापारा में कर्मचारियों ने अर्धनग्न होकर अपनी कमीज निकालकर धरना प्रदर्शन किया है। इन कर्मचारियों के समर्थन में पूर्व IAS ओपी चौधरी और भाजपा नेता पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारी कोई नई मांग नहीं उठा रहे। यह बात कांग्रेस के नेताओं ने ही कही थी कि, जब सरकार बनेगी तो कुछ दिनों में ही कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा। लेकिन अब सरकार बनाने के करीब 4 वर्ष बाद भी यह मांग पूरी नहीं हुई है (Congress accused of not keeping the promise)। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने ही वादे पर खरी नहीं उतर पा रही। यह वादा तो उन्होंने घोषणा पत्र में भी लिखा था।
कुछ ही दिन पहले वन कर्मचारियों ने प्रदर्शन करने के लिए भीख भी मांगी। जिसके चलते कर्मचारी सड़कों पर प्लास्टिक के डिब्बों के साथ भीख मांगने के लिए बैठ गए। कर्मचारियों ने बताया कि नियमित न होने के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ कर्मचारी तो ऐसे भी है जो करीब 10 साल से यह कार्य कर रहे है लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया गया। जिसके चलते परिवार को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिस कारण कर्मचारी भीख मांग कर भी गुजारा कर रहे है।
कर्मचारियों की मुख्य 2 मांगे है एक तो स्थायीकरण एवं दूसरी नियमितीकरण की है। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी 2 वर्ष से कार्य कर रहे है उनको स्थाई किया जाए। जबकि 10 वर्ष के कार्य करने वाले कर्मचारी को नियमित किया जाए। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी प्रदेश में करीब 6500 है इनका वेतन सिर्फ 9 हज़ार ही है।
यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में और महंगी हो सकती है बिजली, CM बोले महंगे कोयले का अभी प्रभाव बाकि
यह भी पढ़ें : आज CM भूपेश बघेल कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में होंगे शामिल, केरल के कोल्लम में पहुंचे