इंडिया न्यूज़, Raipur News: छत्तीसगढ़ के करीब 46 हज़ार करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास अटका हुआ है। इसी लिए कई बार राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को चिठ्ठी भी लिखी है (wrote a letter to the central government)। लेकिन अब तक राज्य सरकार को यह रकम नहीं मिल पाई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार को कर से जो पैसा आता है। उसपर राज्य सरकार का हक़ होता है, लेकिन उसमे से ही काफी पैसा केंद्र के पास है। इसमें कोयले का ही करीब 4 करोड़ रूपया शामिल है।
(wrote a letter to the central government) केंद्र सरकार जो कर लगाती है, उसका कर में से राशि राज्य को भी मिलती है। बता दें की करीब 13 करोड़ की राशि इस बार राज्य सरकार को कम मिली है। जबकि पुराणी पेंशन योजना की 17 हज़ार करोड़ की राशि कम मिली है। इसके अलावा करीब 300 करोड़ रुपये 14 वें वित् वर्ष और मनरेगा के भी 300 करोड़ रुपये केंद्र से नहीं मिले। जानकारी के मुताबिक अब तक करीब 10 बार पत्र लिखा जा चूका है। बता दें कि 11 हज़ार करोड़ से भी ज्यादा की राशि तो नक्सली मोर्चे की ही नहीं आई है। जबकि 13 हज़ार करोड़ रुपये की टेक्स में कमी है।
(Amount of many schemes stopped) पैसा रुकने से कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के साथ ही HRA देने में भी मुश्किल हो रही है। इसके अलावा सरकारी भवनों के निर्माण में भी बाधा उत्पन हो रही है। और तो और प्रदेश अब धान खरीदने के लिए भी कर्ज लेने की कगार पर पहुंच चूका है 4000 करोड़ से ज्यादा रकम खनिजों की एडिशनल लेवी की है।
(Amount of many schemes stopped) जबकि पुरानी पेंशन योजना के 17 हज़ार करोड़ से भी ज्यादा है। मनरेगा के 330 करोड़ से ज्यादा रकम अटकी हुई है। कम पेड़ो वाली भूमि पर 5 मेगावाट सोलर लगाया जाए। 40 हेक्टेयर वन भूमि के लिए राज्य को अनुमति दी जाए। जबकि स्कूलों को 5 हेक्टेयर जमीन दी जाए। पंचायत योजना की राशि 50 से 50 हो जबकि अभी 60 से 40 है।
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