इंडिया न्यूज़, Raipur : (Illegal Business of Sand Mining from Rivers) रायपुर में नदियों से रेत चोरी करने का मामला सामने आया है। प्रशासन ने मानसून के आगमन से ही प्रदेश के सभी जिलों में रेत भराव पर रोक लगा दी थी। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की सभी नदियों के पास रेत से भरी ट्रेलियो को देखा गया है। प्रशासन के रोक लगाने के बाद भी गरियाबंद और धमतरी में किसी भी प्रकार का कोई भी रोक थाम नजर नहीं आई |
जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के कारण प्रदेश में नदियां का जल जतर बढ़ने लगा जिसमे अधिक मात्रा में रेत इक्क्ठा होने लगी। जिसे लोग अवैध रूप से नदियों को खोद कर रेत की सप्लाई कर रही है। सूचना के अनुसार इन स्थानों पर बड़ी मात्रा में ट्रेक्टर और ट्रेलिया बिना अनुमति के और वाहन के नंबर प्लेट के बिना रेत की अवैध रूप से बेच रहे है। इस मामले की सूचना मिलते ही मीडिया की टीम नदियों के किनारे जांच के लिए पहुंची। जहा पर कुछ लोग अपनी ट्रेलियो और ट्रैक्टर को ले जा रहे थे।
एक व्यक्ति ने बताया की केवल 500 रुपये में रेत की ट्रॉली ले जाये। इस रेत से भरी ट्राली का मूल्य आगे जाकर 2000 से 2200 रुपए में बिक भी जाएगी। जिसके बाद टीम ने रायपुर जिले में महानदी किनारे के तीन रेत घाटों करमंदी, कागदेही और हरदीडीह का जायजा लिया। ट्रेक में रेत ले जा रहे युवक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि इस रेत को आगे सरकारी काम चल रहा है। इस रेत को वह पर छोड़ने के हमें दो हजार सर बाइसो रूपये मिल जाते है।
रायपुर के ठेकेदार सबसे कम मूल्य पर रेत को बेच रहे है। जबकि बाजार में रेत का मूल्य है। प्रशासन ने घाटों की नीलामी के बाद एक हाइवा (600 फीट) रेत की कीमत 5000 से 6500 रुपए दर्ज किया गया है। परन्तु रेत 12 हजार रुपए में से ज्यादा में बिक रही है। इसके साथ ही यदि कोई बारीक रेत के खरीदता है तो उसे 16 हजार रुपए तक देने पड़ते है। लेकिन रायपुर के ठेकेदार एक रेत से भारी ट्रेली को मात्र 2000 से 2200 में बेच रहे है।
धमतरी और गरियाबंद के घाटों सूचना मिली है कि यहाँ भी भारी संख्या में रेत को अवैध रूप से बेचा जाता है। धमतरी के नारी में दो रेत घाट हैं। जहां पर सरे आम रेत को बेचा जाता है। प्रदेश में बारिश होने की वजह से घाटों पोर नदियों में पानी भरा हुआ है। जिसके कारण यहाँ के लोग रेत नहीं भर रहे है। पानी काम होने के बाद रेत को निकला जायेगा।