इंडिया न्यूज़, Bilaspur News: प्रदेश में कई मामलें धोखाधड़ी और घोटाले के सामने आते रहे है। लेकिन अब एक मामला ऐसा सामने आया है जिसमें अधिकारियों ने आँखे बंद करके (77 Lakh Scam) टीचर के अकाउट में 77 लाख रुपये ट्रांसफर किए है। बता दें कि यह राशि 1 वर्ष से भी कम समय में ट्रांसफर की गई है। इस राशि को करीब 22 बार एरियर्स के रूप में अफसरों की मिलीभगत से ट्रांसफर किया है। छत्तीसगढ़ में पहली बार इतनी बड़ी रकम का घोटाला शासन के साथ हुआ है। (Bilaspur) बिल्हा के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल बेलतरा का यह मामला है।
पदस्थ प्राचार्य और क्लर्क ने ट्रेजरी के कर्मचारियों और अफसरों से मिलकर इस मामले को अंजाम दिया है। (77 Lakh Scam) इसमें एक टीचर को 77 लाख से भी ज्यादा राशि ट्रांसफर की गई है। इस मामले के बारे में तब पता चला जब विभागीय ऑडिट और प्राचार्य ने इस बारे में शिकायत दर्ज करवाई। जिसके चलते इस मामले के चंगुल में फसने वाले सभी अफसरों के रोंगटे खड़े हो गए। हालांकि अभी विभाग की ओर से लेक्चरर को रिकवरी का नोटिस दिया है, जबकि क्लर्क को बर्खास्त कर दिया गया है। बता दें कि मामलें की 3 स्तरीय कमेटी ने जांच की है। जिसके चलते FIR दर्ज करवाने की बात कही है और लेक्चरर, क्लर्क और प्राचार्य को नोटिस जारी कर दिया गया है।
(A Teacher got arrears 22 times in 11 months) बेलतरा के हायर सेकेंडरी स्कूल में वर्ष 2018-19 में एक साल में ही इस घोटाले को अंजाम दिया गया। बता दें कि उस समय वहां का प्राचार्य नरेंद्र राठौर छुट्टी पर थे। जिसके चलते उनका कार्य लेक्चरर पीएल मरावी सभी ट्रांसजेक्शन करता था। जो प्राचार्य नरेंद्र राठौर की लापरवाही थी। प्रभारी प्राचार्य मरावी, लिपिक निर्मला सिदार, लिपिक कैलाश चंद्र सूर्यवंशी, ने 22 बिल ट्रेजरी में दिखाए। यह बिल लेक्चरर पुन्नीलाल कुर्रे के नाम पर थे। (77 Lakh Scam) इसमें करीब 77 लाख 70 हज़ार से भी ज्यादा राशि का भुगतान हो चूका था। (Officials Paid Without Looking) मुख्य बात यह निकलकर आती है कि अधिकारियों ने भी बिना देखे 22 बार एक ही नाम पर राशि का भुगतान किया।
(Officials Paid Without Looking) यह पूरा घोटाला प्रभारी प्राचार्य पीएल मरावी और प्राचार्य नरेंद्र राठौर ने मिलकर किया। क्योंकि बिल पर इन्ही के साइन थे। जिसके उपरांत ट्रेजरी से रुपये निकले गए। हालांकि ट्रेजरी के अफसरों ने भी इतनी रकम एक नाम पर देने में कोई बात नहीं कही जिसके चलते उनकी मिलीभगत होने की भी आशंका जताई जा रही है। (A Teacher got arrears 22 times in 11 months) हालांकि छुट्टी से वापिस आने पर भी प्रिंसिपल राठौर ने इस विषय पर संज्ञान नहीं लिया। जब जिला अधिकारी को इस बारे में शिकायत मिली तब जाकर इस मामले की जांच हुई।
लेक्चरर मरावी का निधन कोरोना कल में हो गया था जिसके उपरांत यह बात का खुलासा हुआ। लेक्चरर पुन्नीलाल कुर्रे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके स्थगन आदेश लिए है। हालांकि राज्य शासन भी इस मामले में कोर्ट का फैसला आने का इंतज़ार कर रहा है। शिक्षा अधिकारी ने लेक्चरर पुन्नीलल कुर्रे और क्लर्क निर्मला सिदार, क्लर्क कैलाश चंद्र सूर्यवंशी को नोटिस जारी किया है। जिसके चलते 10 दिन में पुरे मामले के बारे में स्पष्टीकरण देने की बात कही है। अगर ऐसा नहीं होता तो FIR दर्ज करने की बात की चेतावनी की है।
DEO डीके कौशिक ने कहा कि घोटाले की बात सामने आते ही क्लर्क को सस्पेंड किया है। जिसके चलते लेक्चरर के खिलाफ कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है, और पैसे वापिस लेने की बात कही है। इसके अलावा एक महिला क्लर्क को भी नोटिस जारी किया गया है। कहा गया है कि दोषियों पर आरोप साबित होने के उपरांत कार्यवाही की जाएगी।