इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: देश जहां एक तरफ आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मनाया जा रहा है। वहीं अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां कुछ ऐसे भी गांव है जिन्हें कभी तिरंगा देखा ही नहीं है। इन इलाकों को बस्तर के नक्सलों के अड्डे के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस पर इन स्थानों पर काले झंडे ही लगाएं जाते है। बता दें कि अब तक यहां नक्सली ही अपना दबदबा चलते थे, लेकिन अब हर घर तिरंगा मुहीम के चलते CRPF जवान इस एरिया में गए है। जवानों ने वहां के लोगों को तिरंगे के बारे में जानकरी दी की यह हमारा राष्ट्र ध्वज है।
ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रदेश में हर गांव में यहां तक की जो इलाके नक्सलों के गढ़ मानें जाते थे, उन स्थनों पर भी हर घर में अब तिरंगा लहराएगा। इसी के चलते कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल जो CRPF की 230 बटालियन के अध्यक्ष के साथ ही डिप्टी कमांडेंट बलराम की बटालियन समेत जवान इन इलाको में गए।
यह ऐसे गांव थे जहां अब तक किसी ने तिरंगा देखा ही नहीं था। लेकिन अब सभी के हाथ में तिरंगा दिया जा रहा है। इसी के चलते नक्सलों के इलाके कहे जानें वाले स्थान पर भी भारत ममता के जयकारें लग रहें थे। जिसके चलते ग्रामीणों ने इस मौके को काफी एहम बताया और कहा कि वह अपने घर पर तिरंगा फेहराएगें।
हालांकि ऐसे इलाको में तिरंगा सभी घरों पर लगाना और सभी ग्रामीणों को इस राष्ट्र ध्वज के बारे में बताने में भी आसान कार्य नहीं लग रहा। क्योंकि यह ग्रामीणों के मन में अभी भी नक्सलियों का खौफ है जिसके चलते कुछ ग्रामीण अभी भी झंडा लेने से डर रहें थे। हालांकि जवान उन गांवों में जाकर भी प्रचार कर रहें है जहां सुरक्षा के लिए कैंप नहीं लगाया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि जब फ़ोर्स यहां आती है तो नक्सल इस स्थान से भाग जाते है। लेकिन जब पुलिस या जवान नहीं होते हो नक्सल यहां से आते-जाते रहते है। जिसके चलते भय की स्थिति है। लेकिन उन्होंने कहा कि हम फिर भी राष्ट्रध्वज घर पर फेहराएगें।
कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में बटालियन की कंपनी है, वहां कई नक्सली इलाको में अब राष्ट्र ध्वज फेहराया जाएगा। हालांकि जिन गांवों में जवान तैनात है, उनके आस-पास के क्षेत्रों पर भी नज़र राखी जाएगी। जिसके चलते सभी ऐसे गांवों में अधिकारी जाकर राष्ट्र ध्वज बांट रहें है, और इसकी भूमिका के बारे में बता रहें है। जिसके चलते गांवो में देशभक्ति का माहौल बना हुआ है। जिससे लोग जागरूक होगें और बदलाव आएगा।
यह भी पढ़ें : बिलासपुर में खाद की कमी से जूझ रहे किसान, समितियों के अलावा बाहर डीएपी 300 रुपये मेंहगा